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कहीं बाहर जाने का बनाए हैं प्लान तो रहें सावधान! आज शाम चार बजे से बड़े वाहनों का शहर में प्रवेश वर्जित

पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बताया कि फरेन्दा-उसका की तरफ से आने वाले वाहनों को मोहाना व कपिलवस्तु की तरफ से आवाजाही की अनुमति होगी। इसी फरेंदा की ओर आने वाले वाहन पकड़ी-सनई -चिल्हिया से बर्डपुर होते हुए अपने गंतव्य को जाएंगे।

By BRAJESH KUMAR PANDEYEdited By: Published: Tue, 04 Oct 2022 11:18 PM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 03:00 AM (IST)
कहीं बाहर जाने का बनाए हैं प्लान तो रहें सावधान! आज शाम चार बजे से बड़े वाहनों का शहर में प्रवेश वर्जित
चार बजे शाम से चार पहिया वाहनो का शहर में प्रवेश वर्जित।

सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। जनपद मुख्यालय पर स्थापित मां दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन को लेकर बुधवार को चार पहिया वाहनों की शहर में आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। यह व्यवस्था शाम चार से अगले दिन सुबह आठ बजे तक लागू रहेगी। इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

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पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बताया कि फरेन्दा-उसका की तरफ से आने वाले वाहनों को मोहाना व कपिलवस्तु की तरफ से आवाजाही की अनुमति होगी। इसी तरह फरेंदा की ओर आने वाले वाहन पकड़ी-सनई -चिल्हिया से बर्डपुर होते हुए अपने गंतव्य को जाएंगे। उसका-फरेंदा जाने के लिए भी यहीं रूट रहेगा।

यह है रूट प्लान

इसी क्षेत्र से आने वाले वाहन शोहरतगढ़ और बढ़नी की तरफ जाने के लिए बर्डपुर-चिल्हिया के रास्ते आवाजाही करेंगे। बस्ती- बांसी की तरफ से बर्डपुर-मोहाना की तरफ आवाजाही करने वाले वाहन सनई-चिल्हिया-बर्डपुर होते हुए गन्तव्य को जाएंगे।

बढनी-शोहरतगढ चिल्हिया की तरफ से उसका, फरेन्दा की तरफ जाने वाले वाहन सनई- जगमोहनी-पकड़ी- उसका होते हुए गन्तव्य को जाएंगे। इटवा-बांसी की ओर से आवाजाही करने वालों के लिए भी यही रूट निर्धारित किया गया है।

दुर्गा पूजा पंडाल में हुआ था कवि सम्मलेन

नगर के मधुकरपुर मोहल्ला में श्री वैष्णव देवी दुर्गा पूजा समिति की ओर से सोमवार रात कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ था। स्थानीय कवियों ने अपनी रचना के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र का वर्णन किया। कविता के माध्यम से नवदुर्गा का पाठ भी किया था।

स्थानीय वरिष्ठ कवि डा. गोविंद ओझा ने 'है हर दम मेरे सर पर हाथ मेरी मां की दुआओं का, मेरे घर में मुसीबत का कोई कोना नहीं होता' कविता सुनाई। मां को समर्पित सुंदर पंक्तियां सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए। विजय कृष्ण नारायण सिंह ने देवी गीत सुनाया। डा. विनयकांत मिश्र ने राम-रावण युद्ध का वर्णन का अपनी स्वरचित पंक्तियों से किया। वीर रस से ओत-प्रोत इस कविता से अधर्म पर धर्म के विजय का संदेश दिया था।


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