राज्य सूचना आयुक्त ने दिया अफसरों को टिप्स
सिद्धार्थनगर: सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में राज्य सूचना आयुक्त राजकेश्वर ¨सह ने जन सूचना अधिकारि
सिद्धार्थनगर: सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में राज्य सूचना आयुक्त राजकेश्वर ¨सह ने जन सूचना अधिकारियों व प्रथम अपीलीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पारदर्शी प्रशासनिक तंत्र के लिए आवश्यक हैं सुसंगत सूचनाएं देना। इसमें समयबद्धता का ध्यान रखना अनिवार्य है। उन्होंने जनपद के कुल लंबित मामलों व अर्थदंड के लिए आरोपित चेहरों का जिलाधिकारी को विवरण देते हुए निस्तारण में सहयोग मांगा। बताया कि दूसरे चरण के प्रशिक्षण क्रम में यह जनपद 16वें क्रम में हैं। अब देवीपाटन व चित्रकूट मंडल ही बचे हैं।
उ.प्र. राज्य सूचना आयोग एवं शासन तथा प्रबन्धन एकादमी के तत्वावधान में आयोजित प्रशिक्षण की अध्यक्षता सूचना आयुक्त ने की। स्टेट रिसोर्स पर्सन डा. राहुल ¨सह, जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू, पुलिस अधीक्षक डा.धर्मवीर ¨सह, मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) प्रमोद शंकर शुक्ल, ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट नौगढ़ सौम्या पाण्डेय तथा जनपद के समस्त जनसूचना अधिकारी तथा प्रथम अपीलीय अधिकारियों की उपस्थिति में प्रशिक्षण दिया गया। आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005, 12 अक्टूबर 2005 को पूरे प्रदेश में लागू हुआ। इस अधिनियम के अन्तर्गत आवेदक द्वारा मांगी गयी सूचनाओं को जन सूचना अधिकारी द्वारा 30 दिन के भीतर प्रत्येक दशा में दिया जाना है। जो सूचना देने योग्य नही है उसको अधिनियमों के अन्तर्गत कारण सहित अवगत करा दिया जाये। निर्देश दिया कि आवेदक द्वारा जो सूचना मांगी जाती है उसे सही सूचना दी जाये तथा वह विधि सम्मत हो। आयोग में सुनवाई करते समय जन सूचना अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है। विशेष परिस्थितियों में अपने अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को भेजा जाये। इस जनपद के लगभग 800 प्रकरण राज्य सूचना आयोग में लम्बित हैं जिनकी तिथिवार सूची जिलाधिकारी को दी गई है। इस आशयक के साथ कि निर्धारित तिथियों पर संबंधित जन सूचना अधिकारी आयोग के समक्ष उपस्थित होकर समुचित निस्तारण कराये। इसी के साथ वर्ष 2010 से अब तक 337 विभिन्न मामलों में आरोपित अर्थदण्ड की वसूली हेतु जिलाधिकारी से अपेक्षा की गयी। बताया कि प्रदेश में प्रथम चरण का प्रशिक्षण सभी जनपदो को दिया जा चुका है। बताया कि कार्यो में जब पारदर्शिता होगी तो समस्यायें नही होगी। डा. राहुल ¨सह ने बताया कि काल्पनिक/यदि शब्द लगा कर आवेदक द्वारा मांगी गयी सूचनाओं में प्रश्न काल्पनिक हैं तो इस पर सूचना नही दी जायेगी। पांच सौ से अधिक शब्द की मांगी गयी सूचना नियम 4(2)(ग) के अन्तर्गत अस्वीकार कर दी जाएगी। जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में आवेदक द्वारा मांगी गयी सूचना जो विभाग से सम्बन्धित नही है, उसे संबंधित विभाग को पांच दिन के भीतर वापस करके उसका विवरण प्रारूप (3) पर रजिस्टर में अंकित किया जायेगा।
जिलाधिकारी श्री कुणाल सिल्कू ने अधीनस्थों से कहा कि जो प्रशिक्षण दिया गया है उसे सभी अधिकारी अक्षरश: पालन करेंगे।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.आरके मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक मुन्ना लाल ¨सह, डीएफओ वीके मिश्र, सभी उपजिलाधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी राम ¨सह, क्षेत्राधिकारी सदर दिलीप कुमार ¨सह, उपकृषि निदेशक डा0 पीके कनौजिया, डीएसटीओ राजेश कुमार ¨सह, जिला विकास अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद, डीएसओ कुंवर डीपी ¨सह, डीसी मनरेगा उमेश चन्द्र तिवारी, पीडी सन्त कुमार, डीपीआरओ अनिल ¨सह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी/प्र0 जिला सूचना अधिकारी आशुतोष पाण्डेय,जिला सूचना विज्ञान अधिकारी नसीम अहमद, समस्त खण्ड विकास अधिकारी तथा समस्त जनपद स्तरीय अधिकारी/कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।