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प्रधानमंत्री के 68वें जन्मदिन पर रिहा हुए दो कैदी

सिद्धार्थनगर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी जन्मदिन बहुत-बहुत मंगलमय हो। जन्मदिन बहुतों को मनाते सुना, प

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 10:15 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 10:15 PM (IST)
प्रधानमंत्री के 68वें जन्मदिन पर रिहा हुए दो कैदी
प्रधानमंत्री के 68वें जन्मदिन पर रिहा हुए दो कैदी

सिद्धार्थनगर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी जन्मदिन बहुत-बहुत मंगलमय हो। जन्मदिन बहुतों को मनाते सुना, पर इस तरह से शायद ही किसी ने मनाया हो। यह शब्द उन कैदियों के हैं। सोमवार को जिला कारागार से दो कैदियों समेत सूबे के विभिन्न जनपदों से कुल 68 कैदी रिहा किए गए। 68 कैदियों के लिए यह पल यादगार बन गया। उन्हें जेल से रिहाई मिली। यह वह कैदी हैं, जो अर्थदंड न चुका पाने के एवज में अपनी अतिरिक्त सजा भुगत रहे थे। प्रत्येक जिलों में स्थानीय स्तर कोई न कोई इन कैदियों के लिए फरिश्ते की भूमिका में रहा। यहां आजाद महाविद्यालय मसिना के प्रबंधक मुमताज अहमद ने दो कैदियों का अर्थदंड जमा किया। दोपहर करीब एक बजे जिला कारागार से इन कैदियों को रिहा किया गया।

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जिला कारागार से रिहा होने वाले इन कैदियों में रफीक पुत्र अनवर निवासी ग्राम झकहिया थाना ढेबरुआ व गुड्डू कुमार जायसवाल पुत्र गंगाराम जायसवाल निवासी ग्राम कठेलाकोठी थाना ढेबरुआ है। रफीक एनडीपीएस के आरोप में 12 अगस्त 2017 को इटवा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसे न्यायालय द्वारा दस माह का कारावास व 1000 रुपये का अर्थदंड हुआ था। अर्थदंड न जमा कर पाने की सूरत में वह दो माह की अतिरिक्त सजा काट रहा था। 31 मई 2017 को जहरखुरानी के आरोप में गुड्डू को जीआरपी आनंदनगर ने गिरफ्तार किया था। उसे न्यायालय ने एक वर्ष दो माह की सजा सुनाई थी। सजा पूरी होने के बाद वह भी अतिरिक्त सजा भुगत रहा था। रविवार रात करीब आठ बजे जिला कारागार जब यह आदेश आया कि प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर ऐसे कैदियों को जुर्माना जमा करने के बाद रिहा किया जाएगा तो जेल प्रशासन ने थोड़ी सी मेहनत की। उनका संपर्क मुमताज अहमद से हुआ तो उन्होंने कैदियों का न नाम और पता पूछा। सहर्ष स्वीकृति दे दी। कहा कि उनके रुपये जमा करने से किसी को रिहाई मिल जा रही है तो इससे बेहतर क्या हो सकता है। उन्होंने रफीक के लिए 400 व गुड्डू के लिए 4500 रुपये जमा किया। रिहाई के दौरान जेल अधीक्षक राकेश ¨सह ने दोनों कैदियों से पूछा कि वह यहां से निकलकर क्या करेंगे। दोनों का जवाब रहा कि वह खुद को नेक कार्यों में लगाएंगे।


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