सड़क ही नहीं यहां के पुल भी खस्ताहाल
तहसील क्षेत्र में सड़कें ही नहीं पुल भी जर्जरता की कहानी कह रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में तो हालात और भी दयनीय है। यहां की अधिकतर सड़कें टूटकर उखड़ चुकी हैं विकराल गड्ढ़ों ने अपना घर बना लिया है। इन पर बनी अधिकांश पुलिया की दिवालें टूट चुकी हैं व पुलिया में होल भी बन गया है। बावजूद इसके कोई देखने वाला नहीं
सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र में सड़कें ही नहीं पुल भी जर्जरता की कहानी कह रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में तो हालात और भी दयनीय है। यहां की अधिकतर सड़कें टूटकर उखड़ चुकी हैं, विकराल गड्ढ़ों ने अपना घर बना लिया है।, इन पर बनी अधिकांश पुलिया की दिवालें टूट चुकी हैं व पुलिया में होल भी बन गया है। बावजूद इसके कोई देखने वाला नहीं है।
डुमरियागंज-बांसी मार्ग 29 करोड़ रुपये की लागत से उच्चीकृत हो रही है। इस मार्ग पर पड़ने वाले एक दर्जन पुल अपने पुराने रूप में ही हैं। इन पुलों के उच्चीकरण की जरूरत नहीं समझी गई। इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 2014 में डुमरियागंज से चन्द्रदीप घाट तक सड़क निर्माण कराया गया था और लोनिवि को हैंडओवर भी कर दिया गया, लेकिन पुल जर्जर ही रह गए। डुमरियागंज चन्द्रदीप घाट मार्ग के बीच मुगलपुरवा चौराहे के पास बनी पुरानी पुलिया करीब सात महीने पहले टूट गई। उक्त सड़क डुमरियागंज से गौराचौकी होते हुए अयोध्या तक जाती है। इस पर वाहनों का आवागमन बराबर बना रहता है। पुलिया टूटने की सूचना पर विभागीय अधिकारियों ने पुल के होल में ईंट रोड़ा भरवा दिया था। किसी तरह आवागमन चल रहा था लेकिन एक सप्ताह पूर्व पुल में दूसरा होल बन गया है। उमाशंकर पटेल, सुरेन्द्र अग्रहरि, ध्रुप वर्मा, साहब अली, सतीराम, इकबाल, इरफान, सूर्यनाथ सिंह आदि लोगों ने जल्द से जल्द सड़क सहित जर्जर पुलों को दुरुस्त कराने की मांग की है।
....... डुमरियागंज-बांसी मार्ग के पुल मार्ग उच्चीकरण के बाद बनेंगे। चंद्रदीप घाट मार्ग के जर्जर पुल शीघ्र ठीक कराए जाएंगे।
राजेश कुमार,
अधिशासी अभियंता, पीडब्लूडी बांसी