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सजी रंगोली, दीपों की रोशनी से नहाया जनपद

जनपद में दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। घर-घर दीप जले और मां लक्ष्मी की आराधना की गई। गांव से लेकर शहर तक जमकर आतिशबाजी हुई। जनपद दीपों को रोशनी से नहा उठा। जगह-जगह रंगोली सजाई गई

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 07:24 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 07:24 PM (IST)
सजी रंगोली, दीपों की रोशनी से नहाया जनपद
सजी रंगोली, दीपों की रोशनी से नहाया जनपद

सिद्धार्थनगर : जनपद में दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। घर-घर दीप जले और मां लक्ष्मी की आराधना की गई। गांव से लेकर शहर तक जमकर आतिशबाजी हुई। जनपद दीपों को रोशनी से नहा उठा। जगह-जगह रंगोली सजाई गई । लोगों ने एक दूसरे को पर्व की बधाई दी। साथ ही कामना की प्रकाश पर्व की भांति धरा से अंधियारा दूर होता है। वैसे लोगों के जीवन से अंधियारे का नाश हो।

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दीपावली को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही थी। इस बार त्योहार में चाइनीज झालरों के साथ-साथ भारतीय झालरों का भी जमकर प्रयोग हुआ। दीये खूब बिके। मधुकरपुर में कुछ कुम्हार इस कारोबार से अलग हो गए थे, मगर दैनिक जागरण के अभियान की देन रही कि तमाम लोग अपनी पुरानी परंपरा से जुड़े गए। शहर हो या गांव हर घर दीप जले। करीब पांच करोड़ दीपक जलाए। जगमग रोशनी व रंगोली के जरिए मां लक्ष्मी का स्वागत किया गया। इस अवसर पर लाई, मिठाई की जमकर खरीदारी हुई। हर घर के सामने रंगोली बनाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया गया। गांव का हर घर रोशनी से सराबोर हो रहा। मां लक्ष्मी की आराधना हुई। दियों की रोशनी से पूरा गांव झिलमिला उठा और आतिशबाजी ने त्योहार की उमंग को बयां किया। जनपद में ये नजारा हर तरफ दिखा। शहर से लेकर गांव तक मेले जैसा माहौल दिखा।

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कारोबार पांच करोड़ का पटाखे की दुकानें दो-दो फुट पर

दीपावली के नाम पर पांच करोड़ तो बारूद का कारोबार हुआ। जेल के सामने पटाखे की दुकानें सजी हुई हैं। वहां स्पेश खूब रहा, मगर सब कुछ ताख पर। यह संयोग ही रहा कि कोई बड़ी तबाही न हुई, मगर इंतजाम पूरा था। विशाल मैदान में मात्र दो-दो फुट की दूरी पर पटाखों की शक्ल में बारूद का ढेर रखा गया था।

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कौन पूरा करे मानक ऐसे ही थोड़े न लगीं दुकानें

टेंट का कपड़ा, ऐसे में थोड़ी सी भी असावधानी भारी पड़ सकती थी और उससे निपटने के लिए निष्प्रयोज्य फायर एक्स¨टग ज्यूसर, आधी बाल्टी पानी व बाल्टी भर बालू के जरिए तबाही को रोकने की व्यवस्था की गयी थी। कारोबारी भी पूरी तरह से बेखौफ। वह साफ कहते नजर आए कि मानक कौन पूरा करे। लाइसेंस ऐसे थोड़ी न मिल गया है। इसका लाभ कुछ खाकी धारियों समेत कई लोगों ने उठाया। नियमों की ओट में समझौता पटाखा व नकदी से हुआ।


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