धनुष को टूटा देख क्रोधित हुए परशुराम
मिठवल विकास खंड के ग्राम पंचायत चरथरी में बीते 9 नवंबर से शुरू हुई प्राचीन रामलीला के पांचवें दिन मंगलवार की सायं धनुषयज्ञ व राम विवाहोत्सव का मंचन किया गया। कलाकारों के मनमोहक प्रस्तुतियों के बीच देर रात तक श्रद्धालु बंधे रहे। धनुष के टूटने से क्रोधित परशुराम व लक्ष्मण के बीच चले संवाद से श्रोता वीर रस में डूबते उतराते रहे।
सिद्धार्थनगर : मिठवल विकास खंड के ग्राम पंचायत चरथरी में बीते 9 नवंबर से शुरू हुई प्राचीन रामलीला के पांचवें दिन मंगलवार की सायं धनुषयज्ञ व राम विवाहोत्सव का मंचन किया गया। कलाकारों के मनमोहक प्रस्तुतियों के बीच देर रात तक श्रद्धालु बंधे रहे। धनुष के टूटने से क्रोधित परशुराम व लक्ष्मण के बीच चले संवाद से श्रोता वीर रस में डूबते उतराते रहे।
राम, लक्ष्मण व माता सीता की भव्य झांकी निकालने के उपरांत रात्रि 8 बजे से प्रारंभ हुई रामलीला में सर्व प्रथम राजा जनक का दरबार दिखाया गया। जहां मिथला पति के आदेश पर दूत राम विवाह का संदेश लेकर अयोध्या के लिए रवाना हुआ। महाराज दशरथ को खबर मिलने पर वह खुशी से झूम उठे और गाजे बाजे बजने लगे। नगर के सभी घरों में मंगल गीत होने लगा। तदुपरांत पूरी तैयारी करके चक्रवर्ती सम्राट अवधेश ने मिथला के लिए प्रस्थान किया। यहां पहुंच महाराज जनक का आतिथ्य देख वे तन मन की सुधिबुधि खो बैठे। राम और लक्ष्मण के सामने आते ही उनको हृदय से लगा लिया। इसके बाद विवाह की रस्म शुरू हुई, जिसमें पांव पुजाई, भांवरी, गारी के मधुर गानों के बीच बारातियों को भोजन कराने तक की प्रस्तुति ठीक रही। दर्शक खुद भी नाचते गाते झूमते देखे गये। महारानी सुनैना द्वारा सीता सहित चारों पुत्रियों की विदाई देख दर्शकों की आंखों से आंसू भी छलक गये। अयोध्या पहुंचने पर महाराज दशरथ द्वारा कौशल्या को आंखों की पलकों की तरह नव विवाहिताओं का संरक्षण करने का निर्देश देना सभी के दिल में उतर गया। इस अवसर पर पहुंचे डुमरियागंज लोकसभा से बसपा प्रभारी आफताब आलम ने कलाकारों को पुरस्कृत किया और समिति को आर्थिक सहयोग भी दिया। कार्यक्रम संचालक व समिति के अध्यक्ष प्रधान कृष्ण कुमार त्रिपाठी, प्रदीप तिवारी, माहेर्श्वरी तिवारी, विवेक कुमार, पुनीत तिवारी, सुनील कुमार, नीरज कुमार, शैलेंद्र, रवि कुमार, मुन्ना दूबे, अरूण कुमार, ओमकार तिवारी, पंकज दूबे, शिवनाथ तिवारी, विकाश व मुखिया दूबे आदि मौजूद रहे।