राम-लक्ष्मण की झांकी देख हुए मंत्रमुग्ध
विकास खंड अंतर्गत ग्राम सहिजवार में आदर्श रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे नौ दिवसीय रामलीला के दूसरे दिन मंगलवार रात कलाकारों द्वारा विश्वामित्र आगमन से जनकपुर पहुंचने तक की कथा का मंचन किया। इस दौरान निकाली गई राम-लक्ष्मण की आकर्षक झांकी को देख श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।
सिद्धार्थनगर : विकास खंड अंतर्गत ग्राम सहिजवार में आदर्श रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे नौ दिवसीय रामलीला के दूसरे दिन मंगलवार रात कलाकारों द्वारा विश्वामित्र आगमन से जनकपुर पहुंचने तक की कथा का मंचन किया। इस दौरान निकाली गई राम-लक्ष्मण की आकर्षक झांकी को देख श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।
प्रभु राम थोड़ा बड़े हुए तो ऋषि विश्वामित्र उन्हें अपने साथ आश्रम ले गए, जहां अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा में पारंगत किए गए। बाद में उन्होंने ऋषियों के यज्ञ हवन में बाधा उत्पन्न करने वाले कई असुरों सहित ताड़का का वध कर आसपास के क्षेत्र में शांति कायम की। इसी दौरान सिया स्वयम्बर की खबर पाकर दोनों भाइ जनकपुर की ओर चल देते है। रास्ते में कई सदियों से पति ऋषि गौतम के शाप से पत्थर बनी अहिल्या का उद्धार कर उन्हें स्वधाम पहुंचाया। देर रात तक चले मंचन कार्यक्रम में श्रोता हुए से अंत तक कार्यक्रम स्थल पर डटे रहे।
संचालन डा. राम प्रताप चौधरी ने किया। सुखराम यादव, राम पाल यादव, रामजीत गिरी, राम जीत यादव, धनई गुप्ता, मुनीराम गुप्ता, राजू भारती, सिवा भारती, मुनिराम यादव, उद्देश्य नरायन शर्मा, नन्द किशोर शर्मा, रमेश यादव, भक्कू गौतम, विक्रम गौतम, दीनानाथ चौधरी, अजीत कुमार आदि उपस्थिति उल्लेखनीय रही।