ईद पर मिठास घोलने को तैयार सेवई का बाजार
अंतिम दिनों में रमजानुल मुबारक का महीना पूरे शबाब पर पहुंच रहा है। ईद का त्योहार भी नजदीक आ रहा है। जैसे-जैसे वक्त आगे बढ़ रहा है बाजार ईद पर मिठास घोलने को तैयार हो चुके हैं। तरह-तरह सेवइयों की दुकानें सज चुकी हैं। सेहरी व इफ्तार के लिए जीरो नंबर सेवई की मांग सर्वाधिक है
सिद्धार्थनगर : अंतिम दिनों में रमजानुल मुबारक का महीना पूरे शबाब पर पहुंच रहा है। ईद का त्योहार भी नजदीक आ रहा है। जैसे-जैसे वक्त आगे बढ़ रहा है, बाजार ईद पर मिठास घोलने को तैयार हो चुके हैं। तरह-तरह सेवइयों की दुकानें सज चुकी हैं। सेहरी व इफ्तार के लिए जीरो नंबर सेवई की मांग सर्वाधिक है। सेवई की ही एक किस्म लच्छा नाम से जानी जाती है, इसकी भी मांग अधिक है।
डुमरियागंज बाजार समेत हल्लौर, बेवा, मोतीगंज, औराताल, खरकट्टी, बयारा, भड़रिया, भवानीगंज, शाहपुर आदि मुख्य स्थानों व मुस्लिम बस्तियों में स्थित दुकानों पर कई किस्म की सेवइयां बिक रही है। पहले नेपाल व बस्ती से सेवई खरीदकर आया करती थी, लेकिन इधर बनारस, गोरखपुर व लखनऊ से आने वाली सेवई खास बनी है। वैसे तो सेवई 80 से 100 रुपए किलो भी बिक रही है परंतु खास जीरो नंबर सेवई 100 से 120 रुपए प्रति किलो की कीमत पर बिक रही है। वैसे रमजान शुरू होते ही सेवई की दुकानें सज गई थी, छिटपुट खरीदारी भी प्रारंभ थी, मगर जैसे-जैसे ईद नजदीक आ रहा है बिक्री शबाब पर पहुंच गई है।
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क्या कहते हैं दुकानदार
मुख्यालय पर दुकान किए रमजान व अली अहमद ने बताया कि वह सेवई बनारस, गोरखपुर से मंगाते हैं, बनारस की सेवई की विशेष मांग बाजार में रहती है। कामयाब का कहना है कि सेवई सीधे लखनऊ से मंगाते हैं इसका स्वाद ही कुछ अलग रहता है। शमीम, जहूर, इनायत, बब्लू आदि ने बताया कि पिछले और इस बार त्योहार के मद्देनजर रेट में काफी फर्क है।