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घरों में मना रहे रमजान

गरीबों का ख्याल रखे इस बात का पता करें कि इस मुकद्दस महीने में कौन-कौन लोग परेशान हैं ऐसे लोगों की मदद करने के लिए आगे आएं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 10:23 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 10:23 PM (IST)
घरों में मना रहे रमजान
घरों में मना रहे रमजान

सिद्धार्थनगर : माह-ए-रमजान का महीना शुरू होते ही मुस्लिम बस्तियों में चहल-पहल बढ़ गई है, कोरोना के चलते लोग फिजिकल डिस्टेंसिग का पूरा ख्याल रख रहे हैं। रमजान-ए-पाक में यह पहला मौका है, जब इबादतगाहों में सन्नाटा है। लोगों को घरों को ही गुलजार किए हैं। सारे वाजिबात घरों में ही अदा किए जा रहे हैं। तराबीह की नमाज भी घरों में पढ़ी जा रही है।

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रमजान का महीना मुसलमानों में बहुत मुकद्दस माना जाता है। पूरे महीना रोजा रखा जाता है। गर्मी व तेज धूप के चलते इस बार भले ही मौसम रोजेदारों का कड़ा इम्तिहान लेने पर आमादा दिख रहा हो, मगर रोजेदारों के कदम जरा भी नहीं डगमगाते नहीं दिख रहे हैं। शुक्रवार की रात चांद होते ही मुसलमानों भाइयों ने रमजान का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस बार एक-दूसरे मिलने के बजाए सोशल मीडिया पर लोग रमजान की मुबारकबाद देते नजर आए। लॉकडाउन के चलते मस्जिदों में खामोशी भरा सन्नाटा पसरा रहता है। सिर्फ अजान की आवाजें ही बुलंद होती सुनाई दे रही हैं। कोरोना संक्रमण के चलते आम लोगों के लिए मस्जिदें बंद हैं। सेहरी के वक्त भी घरों में ही चहल-पहल दिखाई दी। तराबीह की विशेष नमाज भी लोगों ने घरों पर ही अदा की।

मौलाना शब्बीर अहमद, प्रबंधक - जामिया अलफारूक इस्लामिया कालेज अमौना, इटवा ने कहा है कि रमजान का महीना बहुत ही बरकत का महीना है। पांचों वक्त की नमाज वक्त की पाबंदी के साथ अदा की जानी चाहिए। रोजा रखने के साथ सदका, खैरात निकालते रहना चाहिए। कलाम पाक की तिलावत करनी चाहिए। तराबीह की नमाज घरों में पढ़ें, अगर बच्चे साथ में हों, तो फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखें। इस महीने में ज्यादा से ज्यादा नेक अमल अंजाम दें। तौबा अस्तगफार करें। लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन करते हुए इबादतों को अंजाम दें।

मौलाना अब्दुल मोईन, ज्वाइंट सेक्रेटरी नदवतसुन्ना एजूकेशनल वेलफेयर सोसइटी, अमौना इटवा ने कहा है कि रोजे से खाना और पानी की कद्र मालूम होती है। रोजा बहुत सारी बीमारियों का इलाज है। कोरोना वायरस के चलते हर साल की तरह इस साल का रमजान जुदा है। हमें इस तरह से इबादत करनी चाहिए कि किसी प्रकार का लॉकडाउन उल्लंघन न हो। घरों पर रहकर इबादत करें और अल्लाह का शुक्र अदा करें। गरीबों का ख्याल रखे, इस बात का पता करें, कि इस मुकद्दस महीने में कौन-कौन लोग परेशान हैं, ऐसे लोगों की मदद करने के लिए आगे आएं।


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