राम-केवट संवाद के प्रसंग का किया गया मंचन
सिद्धार्थनगर : धौरहरा उर्फ धर्मपुर में नवयुग श्री राम लीला समिति के तत्वावधान में चल रहे 11 दिवसीय रामलीला की छठवीं रात कलाकारों ने भगवान श्री राम व केवट संवाद की प्रस्तुति सुंदर ढंग से की। इसके अलावा राम-भरत मिलाप के प्रसंग का भी मंचन किया गया
सिद्धार्थनगर :
धौरहरा उर्फ धर्मपुर में नवयुग श्री राम लीला समिति के तत्वावधान में चल रहे 11 दिवसीय रामलीला की छठवीं रात कलाकारों ने भगवान श्री राम व केवट संवाद की प्रस्तुति सुंदर ढंग से की। इसके अलावा राम-भरत मिलाप के प्रसंग का भी मंचन किया गया। जिसको देख श्रोता भाव विभोर हो उठे।
बुधवार रात कलाकारों ने मंचन करते हुए दिखाया कि प्रभु श्रीराम तमसा तीर पर प्रजा को छोड़कर जब आगे बढ़ते हैं, तो अपने सखा निषाद राज के राज्य में प्रवेश करते हैं, सूचना निषाद को मिलती है, तो वह प्रजा के साथ श्री राम से मिलने के लिए आते है। भगवान श्री राम जब गंगा किनारे पहुंचते हैं, तो केवट से उस पार पहुंचाने को कहते हैं। इस बीच राम-केवट संवाद की बेहतरीन प्रस्तुति कलाकारों ने प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उधर अयोध्या में दशरथ मरण के उपरांत ननिहाल में रह रहे, भरत-शत्रुघन को बुलावा भेजा जाता है। कैकेयी स्वागत के लिए आरती लिए खड़ी रहती है। दोनों भाइयों के अयोध्या पहुंचने पर जब उन्हें राम के वनवास की जानकारी होती है, दोनों भाइयों का माता कैकेयी से संवाद होता है और फिर दोनों उल्टे पांव वन की ओर निकल देते हैं। आश्रम में पहुंचने पर चारों भाइयों के मिलाप का ²श्य देख श्रोताओं की आंखों से आंसू निकल पड़ते हैं। सुरेश पांडेय, गुड्डू पाण्डेय, किनकर, विनोद शास्त्री, तोताराम वर्मा, फूलचन्द, विजय, विनोद, नन्दकिशोर आदि उपस्थित रहे।