संसाधन के अभाव में चरमराई गेहूं की खरीद
माह भर पहले से गेहूं खरीद को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे। बैठकों में तैयारियां पूरी बताई जा रही थी पर जैसे ही इसका आगाज हुआ धड़ाम से गिर पड़ी। इससे विभाग की अधूरी तैयारी की पोल खुल गई। किसान अपनी गाढ़ी कमाई बिचौलियों के हाथ औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं
सिद्धार्थनगर: माह भर पहले से गेहूं खरीद को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे। बैठकों में तैयारियां पूरी बताई जा रही थी, पर जैसे ही इसका आगाज हुआ, धड़ाम से गिर पड़ी। इससे विभाग की अधूरी तैयारी की पोल खुल गई। किसान अपनी गाढ़ी कमाई बिचौलियों के हाथ औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं। यही नहीं अभी तक कई क्रय केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में बोरा आदि की व्यवस्था भी नहीं हो सकी।
काफी प्रयास के बाद खाद्य विभाग, पीसीएफ व कर्मचारी कल्याण निगम अपना खाता खोलने में कामयाब रहे। 15 दिन बाद भी कई खरीद एजेंसियों को बोहनी का इंतजार है। तमाम केंद्र सूने पड़े है, तो कहीं काटे, बोरे व अन्य उपकरणों का इंतजाम नहीं हो पाया है। बर्डपुर संवाददाता के अनुसार ब्लाक क्षेत्र में स्थापित छह क्रय केंद्रों में से किसी केंद्र पर बोरा नहीं है। इसके कारण खरीद भी नहीं शुरू हो सकी है। ब्लाक कार्यालय के पास स्थित क्षेत्रीय सहकारी समिति पर बने केंद्र पर अब तक 88 क्विटल गेहूं की खरीद हुई। केंद्र प्रभारी राम उजागिर शुक्ल ने बताया कि एक हजार बोरा मिला था,दो सौ बोरा और बचा है। बोरा नहीं मिलने पर तौल बंद हो जाएगी। अब्दुल कलाम, संतोष चौधरी, आशीष मिश्रा, मनोज चौधरी, केशरी पांडेय, बाबूराम, प्रहलाद सहित तमाम किसानों ने बताया कि गेहूं की कटाई प्रारंभ हो चुकी है। क्रय केंद्र सक्रिय न होने से उपज औने-पौने बेचने की मजबूरी है।
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अब तक कितनी गेहूं खरीद हुई यह आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। बोरे की कुछ दिक्कत है,लेकिन एक दो दिन में सब ठीक हो जाएगा। जल्द ही सभी क्रय केंद्र सक्रिय हो जाएंगे। जो भी कमी शेष रह गई है, उसे दूर कर लिया जाएगा।
सीताराम गुप्ता, एडीएम