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क्रय केंद्र बंद , आसमान के नीचे रखा गेहूं

तमाम सरकारी दावे के बाद भी गेहूं खरीद ढर्रे पर नहीं आ सकी है। खरीद एजेंसियां लक्ष्य से कोसों दूर हैं। कहीं क्रय केंद्र पर ताले लटक रहे हैं तो कहीं खुले आसमान के नीचे गेहूं रखा है। करीब-करीब हर जगह भंडारण समस्या सामने आ रही है। बोरे की कमी भी गेहूं खरीद को प्रभावित कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 09:44 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 09:44 PM (IST)
क्रय केंद्र बंद , आसमान के नीचे रखा गेहूं
क्रय केंद्र बंद , आसमान के नीचे रखा गेहूं

सिद्धार्थनगर : तमाम सरकारी दावे के बाद भी गेहूं खरीद ढर्रे पर नहीं आ सकी है। खरीद एजेंसियां लक्ष्य से कोसों दूर हैं। कहीं क्रय केंद्र पर ताले लटक रहे हैं, तो कहीं खुले आसमान के नीचे गेहूं रखा है। करीब-करीब हर जगह भंडारण समस्या सामने आ रही है। बोरे की कमी भी गेहूं खरीद को प्रभावित कर रही है। किसान बिचौलियों की शरण में जा रहे हैं।

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भनवागंज प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र स्थित केंद्रों पर बोरे की कमी व भंडारण समस्या ने गेहूं खरीद को ठप कर दिया है। किसान सेवा सहकारी समिति मानिकगंज को 7000 क्विंटल गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया है, मगर यहां अभी तक मात्र 15 सौ क्विंटल ही गेहूं तौल हो सकी है। केन्द्र प्रभारी नरसिंह चौधरी ने बताया कि बोरे की कमी व गोदाम में डंप गेहूं की उठान न होने से दिक्कतें आ रही हैं। श्यामपुर गांव स्थित सहकारी संघ लि. कंचनपुर का क्रय केंद्र बुधवार को बंद मिला। किसानों का कहना है, कि इस बार खरीद व्यवस्था बहुत ही लचर रही, जिसके कारण अधिकतर किसानों ने अपनी उपज व्यापारियों के हाथों बेच दी। केन्द्र प्रभारी अखिल अग्रहरि ने फोन पर बताया कि 8000 क्विंटल का लक्ष्य मिला है, अभी तक केवल 3700 क्विंटल की ही खरीद हुई। जबकि यहीं के सचिव वीरू गुप्ता ने 2900 क्विंटल गेहूं खरीद होने की जानकारी दी। एक ही केंद्र पर दो तरह के बयान कहीं न कहीं सच्चाई को कुछ और दिशा में ले जा रहे हैं, जो जांच का विषय है।

भनवापुर प्रतिनिधि के मुताबिक हटवा केंद्र पर 3500 क्विंटल के सापेक्ष 867, स.स.स.भनवापुर में 3500 लक्ष्य के सापेक्ष 1023, क्रय विक्रय शाहपुर में 3500 के सापेक्ष 1000 व विपणन शाहपुर में 12000 के सापेक्ष 2930.50 क्विंटल ही गेहूं की खरीद हो सकी। हर जगह भंडारण की समस्या बनी हुई है। क्रय विक्रय शाहपुर में खुले आसमान के नीचे सैकड़ों क्विंटल गेहूं रखा हुआ है। लक्ष्मण चौधरी ने गेहूं तौल के लिए 10 से 12 दिन चक्कर मारो, तब जाकर कहीं तौल मुश्किल से हो पाती है। संतलाल ने कहा कि लचर व्यवस्था के कारण व्यापारियों के हाथ उपज बेचना मुनासिब समझे। सचिव सहकारी समिति भनवापुर राम सजीवन ने बताया कि भंडारण की समस्या के कारण खरीद प्रभावित हो रही है।

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