पाकिस्तान में बसे लोगों की संपत्ति राज्य सरकार के खाते में दर्ज
बुधवार तहसील प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जमौतिया ग्राम पंचायत में एक बार फिर लगभग एक एकड़ भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर राज्य सरकार के खाते में दर्ज किया है। एसडीएम त्रिभुवन के आदेश पर यह कार्रवाई की गई।
सिद्धार्थनगर : बुधवार तहसील प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जमौतिया ग्राम पंचायत में एक बार फिर लगभग एक एकड़ भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर राज्य सरकार के खाते में दर्ज किया है। एसडीएम त्रिभुवन के आदेश पर यह कार्रवाई की गई।
देश विभाजन के बाद डुमरियागंज के ग्राम पंचायत जमौतिया के कुछ लोग अपनी भूमि छोड़कर पाकिस्तान जा बसे थे। उनकी संपत्ति शत्रु संपत्ति घोषित नहीं हुई थी और गांव के लोग उस भूमि को कब्जे में लेकर खेती बारी कर रहे थे। जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जिसके बाद एसडीएम ने उनकी भूमि चिन्हित करवाते हुए शत्रु संपत्ति घोषित करने की रिपोर्ट डीएम को प्रेषित की। मिले आदेश के क्रम में अब उपरोक्त जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज की जा रही है। पखवारे भर पहले इसी गांव में दो एकड़ जमीन शत्रु संपत्ति के रूप में राज्य सरकार के खाते में दर्ज हुई थी। अब फिर एक एकड़ जमीन को राज्य सरकार के खाते में दर्ज किया गया है। एसडीएम ने बताया कि नौशा हुसेन, नौशाद अली, जाहिद और जिया हुसेन का परिवार देश बंटवारे के बाद पाकिस्तान चला गया था। उनकी जमीन डीएम के आदेश पर राज्य सरकार के खाते में दर्ज कराई गई है। 70 वर्ष पुराने विवाद का समाधान
भनवापुर ब्लाक के ग्राम वीरपुर एहतमाली में मंदिर व मंदिर परिसर की जमीन को लेकर ग्रामीणों में लगभग 70 वर्षों से विवाद की स्थिति बनी हुई थी। मंदिर खातेदार की भूमि पर बना हुआ था, एसडीएम के समझाने पर खातेदार सहमत हो गए उन्हें भूमि के बदले ग्राम सभा की नवीन परती से विनिमय कर दिया गया। जिसमें ग्राम सभा ने प्रस्ताव भी किया। लोग बताते हैं कि यह मंदिर राप्ती नदी तट पर स्थित लगभग 400 वर्ष पुराना है।