पेयजल के संकट से जूझ रहे परिषदीय स्कूल बच्चे
सिद्धार्थनगर : मिठवल विकास खंड के करीब एक दर्जन प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पेय जल का अ
सिद्धार्थनगर : मिठवल विकास खंड के करीब एक दर्जन प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पेय जल का अकाल बना हुआ है। इस उमस भरी गर्मी में यहां पढ़ने वाले बच्चों के हलक सूखे रह रहे हैं। एक आधे विद्यालयों पर लगे हैंडपंप यदि चल भी रहे हैं तो वह पानी के नाम मीठा जहर उगल रहे है। मासूमों को प्यास सताने पर वहीं एक सहारा बनता है जो उनके स्वास्थ्य पर कभी भी भारी पड़ सकता है।
क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय ढड़िया में लगा इंडिया मार्का हैंडपंप विगत एक वर्ष से पानी के नाम पर जहर उगल रहा है। तुरसिया प्राथमिक विद्यालय का हैंडपंप भी बेपानी है। बच्चों को गांवों में लगे निजी हैंडपंपों से प्यास बुझानी पड़ रही है। मध्यान्ह भोजन के बाद पढ़ने वाले छात्र पानी के लिए गांवों में लगे लोगों के निजी हैंडपंपों पर अपना गला तर करने के टूट पड़ते हैं। इस दौरान नल के स्वामी की उन्हें खरी खोटी भी सुननी पड़ती है। यही स्थिति इमलिया सहित हरैया के पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालयों पर लगे हैंडपंप की है। दूषित जल के सेवन से यहां पढ़ने वाले बच्चे आए दिन बीमार होते हैं। मजे की बात है कि हाल ही में संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में ढड़िया पूर्व माध्यमिक विद्यालय मतदान स्थल भी रहा है। यहां उस समय पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी, पर चुनाव जैसे ही खत्म हुआ लगाया गया हैंडपंप उखाड़ लिया गया। ऐसे में इस समय बच्चों सहित अध्यापकों को भी पानी के लिए भटकना पड़ता है। खंड शिक्षा अधिकारी पंकज मौर्या ने कहा कि विद्यालयों के खराब हैंडपंपों की सूची ब्लाक पर प्रेषित कर दी गई है। जिस भी ग्राम पंचायत के विद्यालय के नल खराब होंगे उसे ग्राम प्रधान द्वारा ही बनाया जाएगा। यह सही है की पानी के लिए बच्चों को भटकना पड़ता है। खराब हैंडपंपों में से अधिकांश रिबोर करने योग्य हैं।