हादसों के इंतजार में ग्रामीण सड़कें
खेसरहां ब्लाक की कई व्यस्त सड़कें लंबे अर्से से बदहाल हैं। इनकी गिट्टियां उजड़ कर बडे़ बडे़ गड्ढों का रूप ले चुकी हैं। इसमें कब कौन गिरकर जख्मी हो जाएं ठिकाना नही। आये दिन लोग गिरकर चोटहिल भी हो रहे हैं। ग्रामीणों ने कई बार अर्जी दी पर विभागीय आंख बंद किये है।
सिद्धार्थनगर : खेसरहां ब्लाक की कई व्यस्त सड़कें लंबे अर्से से बदहाल हैं। इनकी गिट्टियां उजड़ कर बडे़ बडे़ गड्ढों का रूप ले चुकी हैं। इसमें कब कौन गिरकर जख्मी हो जाएं ठिकाना नही। आये दिन लोग गिरकर चोटहिल भी हो रहे हैं। ग्रामीणों ने कई बार अर्जी दी पर विभागीय आंख बंद किये है।
प्रदेश की सड़कों को सबसे बेहतर करने का सरकारी फरमान हवा-हवाई साबित हो रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा 12 वर्ष पूर्व निर्मित 6 किमी लंबे सेमरा- मरवटिया संपर्क मार्ग की स्थिति बदतर हो चुकी है। निर्माण के चार वर्ष बाद से ही इसकी गिट्टियां उखड़ने लगी थी। हालत है कि इस सड़क पर दिन में भी चलना टेढ़ी खीर है। इसी तरह मरवटिया से भुसौला जाने वाला तीन किमी लंबा मार्ग भी दुर्घटना का सबब बना हुआ है। जगह जगह बने विशाल गड्ढों से आये दिन साइकिल व बाइक सवार गिर रहे हैं। यही स्थिति बांसी - धानी मार्ग से बंजरहा बुजुर्ग व इसी मार्ग से ¨लक महुई नानकार एवं टिकुर-कुडजा संपर्क मार्ग की भी है। जर्जर सड़कों से क्षेत्रीय निवासी राजेन्द्र पांडेय, शैलेन्द्र प्रताप ¨सह, शिवनारायन पांडेय, शारदा पांडेय, सतीश मिश्रा, अंबिका लोधी, महेन्द्र पांडेय, ओंकार पांडेय, मुन्ना पांडेय, गिरीश, रामदेव आदि लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। अधिशासी अभियंता राजेश कुमार ने कहा कि कई मार्गो का डिमांड भेजा गया था। जिनका धन मिला उनपर कार्य भी कराया गया। कुछ पर धन नही मिला। जल्द ही वह भी सड़कों को दुरूस्त कराया जाएगा।