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बिजली कटौती ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

उमस भरी गर्मी पर बिजली की कटौती भारी पड़ने लगी है। गर्मी से परेशान लोग मुश्किल में समय काटने को मजबूर हैं। गर्मी से बचने के लिए हाथ के पंखे का सहारा ले रहे हैं। कारोबारी भी परेशान हैं। गांवों की हालत तो बद से बदतर हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 11:40 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 11:40 PM (IST)
बिजली कटौती ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें
बिजली कटौती ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

सिद्धार्थनगर: उमस भरी गर्मी पर बिजली की कटौती भारी पड़ने लगी है। गर्मी से परेशान लोग मुश्किल में समय काटने को मजबूर हैं। गर्मी से बचने के लिए हाथ के पंखे का सहारा ले रहे हैं। कारोबारी भी परेशान हैं। गांवों की हालत तो बद से बदतर हो गई है। वहां मुश्किल से 10 से 12 घंटे बिजली मिल रही है। जबकि पावर कार्पोरेशन से जनपद मुख्यालय पर 24 और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली सप्लाई का आदेश है। शहर में इस वक्त पांच से छह घंटे की कटौती हो रही है।

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विभाग के जिम्मेदार इसके पीछे ऊपर से हो रही कटौती को कारण मानते हैं। जबकि उपभोक्ता इसे विभागीय कर्मचारियों की मनमानी और निरंतर हो रहे लोकल फाल्ट को कारण बता रहे हैं। इस वक्त बिजली के आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में लो-वोल्टेज की समस्या अलग से है। इसे दूर करने में विभाग के जिम्मेदार रूचि नहीं ले रहे हैं। बांसी, डुमरियागंज, इटवा क्षेत्र से जुड़े गांवों की स्थित एक जैसी है। लाख कोशिश के बावजूद जर्जर तार व खंभे बदले नहीं जा रहे हैं। इसकी वजह से लोकल फाल्ट भी एक बड़ी समस्या बन चुकी है। ममता श्रीवास्तव ने कहा कि जून-जुलाई के सापेक्ष गर्मी कम है। बावजूद इसके लगातार बिजली कट रही है। मुख्यमंत्री ने रात्रि में बिजली कटौती न करने का निर्देश दिया है, पर हालत इसके उलट है। तय शेड्यूल के तहत बिजली आपूर्ति की जानी चाहिए। शैलेंद्र मोदनवाल का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में दिन भर बिजली की आवाजाही बनी रहती है। इसे रोकने में विभाग लाचार साबित हो रहा है। जर्जर तार एवं खंभों की वजह भी इसके पीछे कारण है। निर्वाध बिजली की आपूर्ति कैसे होगी, यह शायद विभाग के लोगों को भी नहीं पता है। मुबारक ने बताया कि शहर में रात्रिकालीन कटौती रुकी है। पर दिन में बिजली की आवाजाही बनी रहती है। जबकि जनपद मुख्यालय होने की वजह से शहर कटौती मुक्त है। तय शेड्यूल का पालन किया जाना चाहिए।

स्नेहलता का कहना है कि गांवों में बिजली की आपूर्ति बद से बदतर हो चुकी है। मौसम में बदलाव के बावजूद लगातार हो रही कटौती से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्मी और ठंड बढ़ने की बात ही अलग है। अधीक्षण अभियंता एके श्रीवास्तव ने कहा कि तय शेड्यूल के अनुसार उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति की जा रही है। लोकल फाल्ट होने पर ही कुछ समय के लिए आपूर्ति ठप की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में शाम छह बजे से सुबह सात बजे तक बिजली आपूर्ति की जा रही है। दिन में कुछ समय के लिए शेड्यूल के तहत ही कटौती होती है।


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