ग्रामीण लगा रहे गुहार, विभाग नहीं दे रहा ध्यान
सिद्धार्थनगर : पांच दशक से अधिक समय पहले ग्राम बयारा में लगे विद्युत तार की हालत काफी जर्जर है
सिद्धार्थनगर : पांच दशक से अधिक समय पहले ग्राम बयारा में लगे विद्युत तार की हालत काफी जर्जर है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के इस गांव की स्थिति सुधारने में बिजली विभाग के लोग कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। करीब सात हजार आबादी वाले गांव में दयनीय तार से हर समय खतरा बना रहता है, लेकिन जिम्मेदार समस्या निस्तारण की दिशा में मूक दर्शक बने रहते हैं। तार को बदलने के लिए ग्रामीण दर्जनों बार विभागीय अधिकारियों समेत तहसील दिवस जैसे कार्यक्रमों में गुहार लगा चुके हैं। बावजूद इसके समस्या जस की तस बनी हुई है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. काजी जलील अब्बासी के गांव बयारा में विद्युतीकरण सन् 1961 में हुआ। उस समय पोलों के बीच की दूरी करीब 80-80 फीट थी। तब आबादी कम थी, परंतु अब जब इस समय करीब 1100 घर तथा करीब सात हजार आबादी हो गई। कनेक्शनधारियों की संख्या भी बढ़ गई। इसके बाद भी संसाधन में कोई बदलाव नहीं किए गए। तार की स्थिति ये है कि एक तो बहुत जर्जर हो चुके हैं, दूसरे काफी ढीले होकर नीचे लटक रहे हैं। कहीं-कहीं घरों के सामने दरवाजों के बराबर तार आ गए हैं। जिसको बदलने के लिए ग्रामीण सालों से मांग कर रहे हैं। आश्वासन के सिवा अब तक कुछ भी नहीं किया गया है। कभी-कभी तो एक ही दिन तीन से चार जगहों पर तार टूट कर गिर जाते हैं। ऐसे में कब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाए, इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। राम उजागिर व हरी राम कहते हैं, बरसों बीत गए, कितने अधिकारियों के समक्ष तार बदलने की अर्जी लगाई, पर अब कुछ भी नहीं हुआ। बुधराम व सुजलराय कहते है तार इतने नीचे आ गए हैं, कि घर से बाहर निकलते समय ध्यान न दिए जाए, तो कोई भी इसकी चपेट में आ सकता है। अजय, पवन, राम कौशल, उमेश सैनी, चंद्रभान राम सागर आदि ने विद्युत विभाग के आला अधिकारियों से जर्जर तारों को बदलवाने की दिशा में उचित कदम उठाए जाने की मांग की है।