भर्ती प्रकरण में एसटीएफ की लेगी मदद जांच टीम
माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा महाविद्यालय में पैरामेडिकल स्टाफ के लिए आनलाइन आवेदन की जांच आठ सदस्यीय पुलिस टीम ने शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह ने एसटीएफ की मदद लेने का निर्णय लिया है। एसटीएफ न सिर्फ तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगी बल्कि आरोपितों की गिरफ्तारी भी करेगी।
सिद्धार्थनगर: माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा महाविद्यालय में पैरामेडिकल स्टाफ के लिए आनलाइन आवेदन की जांच आठ सदस्यीय पुलिस टीम ने शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह ने एसटीएफ की मदद लेने का निर्णय लिया है। एसटीएफ न सिर्फ तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगी, बल्कि आरोपितों की गिरफ्तारी भी करेगी। जांच शुरू होने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कुछ लोगों के हाथ-पैर फूल गए हैं। वह जांच टीम के निशाने पर आ चुके हैं। टीम इनसे एक बार पूछताछ भी कर चुकी है। अब सर्विलांस के सहारे मामले में संदिग्ध भूमिका निभाने वालों को तलाशने में जुटी है। जांच पूरी होने तक भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद नहीं है।
मेडिकल कालेज में पैरामेडिकल स्टाफ के विभिन्न पदों पर बाजपेयी ट्रेडर्स की ओर से आउटसोर्सिग से सेवायोजन के माध्यम से आनलाइन आवेदन पत्र मांगा गया था। यह प्रक्रिया दो बार हुई। पहली बार नवंबर में आवेदन मांगा गया। बहुत सारे अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाए तो इसकी शिकायत मेडिकल कालेज के प्राचार्य से की। काफी हो-हल्ला के बाद दोबारा पिछले वर्ष 31 दिसंबर को आवेदन के लिए साइट खुलने की जानकारी लोगों को दी गई। पोर्टल शाम चार बजे खुला। इस बार भी काफी कम संख्या में लोग आवेदन कर पाए। करीब 40 मिनट में ही सभी पदों पर एक के सापेक्ष तीन आवेदन पोर्टल पर दिखने लगा। जब तक लोग कुछ समझ पाते, साइट बंद हो गई। अभ्यर्थियों ने दोबारा साइट हैक करने की शिकायत किया तो प्रशासन के कान खड़े हो गए। बता दें कि मेडिकल कालेज में 577 पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती होनी है।
पुलिस अधीक्षक डा.यशवीर सिंह ने कहा कि जांच टीम को एसटीएफ से मदद लेने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में एसटीएफ के अधिकारियों से वार्ता भी हुई है। सत्यता लगाने के लिए जो भी जरूरी होगा किया जाएगा।