जिनका कोई नहीं उनकी पुलिस है यारों.
कोरोना संकट में लॉकडाउन के दौरान बुजुर्गो व अनाथ बच्चों का हमदर्द बनी पुलिस मानो यह कह रही है कि जिनका कोई नहीं उनके हम हैं यारों.। नौगढ़ पुलिस चौकी के जवानों ने इसका जिम्मा उठाया तो अब लोग भी यही कहने लगे हैं। आठ कमरे व बरामदे में संचालित अपना घर वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों की सेवा में जवान जुटे
सिद्धार्थनगर : कोरोना संकट में लॉकडाउन के दौरान बुजुर्गो व अनाथ बच्चों का हमदर्द बनी पुलिस मानो यह कह रही है कि जिनका कोई नहीं उनके हम हैं यारों.। नौगढ़ पुलिस चौकी के जवानों ने इसका जिम्मा उठाया तो अब लोग भी यही कहने लगे हैं। आठ कमरे व बरामदे में संचालित अपना घर वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों की सेवा में जवान जुटे हैं।
वृद्धाश्रम में कुल 40 लोग रहते हैं। जिसमें 19 पुरुष व 21 महिलाएं हैं। कमोबेश सभी ने उम्र के 70 बसंत पार कर लिए हैं। एक बालगृह भी है, जिसमें 15 बच्चे हैं। कुछ अनाथ भी हैं। पुलिस के जवान इनके सुख-दुख बांटने में भी लगे हैं। यही वजह है कि सुबह और शाम का समय इन बुजुर्गों के साथ व्यतीत करते हैं।
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स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पहल
-वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों के स्वास्थ्य जांच के लिए प्रभारी पुलिस चौकी पुरानी नौगढ़ राजेश शुक्ल ने चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों से संपर्क किया था। सप्ताह में दो दिन न्यू पीएचसी पुरानी नौगढ़ में तैनात तैनात डा. तमन्ना सिद्दीकी जांच के लिए आती हैं।
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कोरोना संकट काल में पुलिस के जवान सेवा व सद्भाव का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। इन बुजुर्गों व बच्चों की देखभाल के लिए और भी जो संभव होगा, पुलिस उसे पूरा करेगी।
-विजय ढुल, पुलिस अधीक्षक