पीएम आवास की आस, नहीं हो सकी पूरी
सिद्धार्थनगर : नगर पंचायत अन्तर्गत शिवाजी नगर वार्ड समस्याओं से जूझ रहा है। वार्ड में गंदगी का बोल
सिद्धार्थनगर :
नगर पंचायत अन्तर्गत शिवाजी नगर वार्ड समस्याओं से जूझ रहा है। वार्ड में गंदगी का बोलबाला है और पेयजल की किल्लत बनी हुई है। यहां दर्जन भर से अधिक गरीब पात्रों को पीएम शहरी आवास योजना तक का लाभ नहीं मिल सका है। जबकि इनको पात्र मानते हुए इन्हें एक वर्ष पहले आवास के लिए स्वीकृत पत्र भी दिया चुका है, परंतु धनराशि मिलने की आस अब तक पूर्ण नहीं हो सकी है। नगर पंचायत का दर्जा मिले एक दशक से ऊपर का समय बीत गया, मगर अभी तक नागरिकों को शुद्ध पेयजल तक की सुविधा नसीब नहीं हो सकी है। वार्ड में अधिकांश लोग देशी नल का पानी पीने को मजबूर हैं, जिसकी शुद्धता पर पहले ही सवाल खड़े हो चुके हैं। जल निकासी, वृद्धा पेंशन जैसी समस्या का भी समाधान नहीं हो रहा है।
जागरण आपके द्वार के तहत जब इस वार्ड की हकीकत देखने का प्रयास किया गया, तो हर कदम पर स्थिति जटिल नजर आई। करीब दो हजार आबादी वाले इस वार्ड में दर्जन भर से अधिक लोग ऐसे हैं, जो पात्रता की श्रेणी तो पूरी कर रहे हैं, इन्हें आवास के स्वीकृत पत्र भी दिया गया, परंतु आवास की धनराशि अब तक खाते में नहीं आ सकी है। इन्हीं में फूलचन्द्र मिले, जो पत्नी व दो बच्चों के साथ फूस के मकान में किसी तरह जीवन काट रहे हैं। बरसात तो कष्ट में बीत गया, अब ठंड के मौसम की दस्तक ने इनकी ¨चता बढ़ा दी है। मजदूरी कर किसी तरह बच्चों का पालन पोषण कर रहे फूलचन्द्र को वर्ष 2017 में ही प्रधानमंत्री आवास के लिए स्वीकृत पत्र मिल गया था, लेकिन अभी धनराशि खाते में नहीं आ सकी है। यही हाल नबूता, कहकशां, गीता, आस मो. राजमन, रफीकुल्लाह आदि का भी है, जो एक साल से स्वीकृत पत्र लेकर कभी सभासद तो कभी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। आवास के लिए ऑनलाइन आवेदन किए मनोहर प्रसाद, सनाउल्लाह, रफीक, मुश्ताक आदि भी परेशान हैं, कि आखिर उनको आवास की सुविधा कब उपलब्ध होगी।
73 वर्षीय रामप्रसाद अपनी वृद्धा पत्नी के साथ फूस के मकान में रहते हैं, इन्हें पेंशन तक की सुविधा नहीं मिल सकी है। शौचालय बन रहा था, वह भी तीन माह से अधूरा पड़ा है। रूहुल्लाह मजदूरी करके बच्चों का पेट पालते हैं, शौचालय के लिए कई बार आवेदन किए, परन्तु अब तक न तो पैसा मिला और न ही शौचालय बन सका। सनाउल्लाह व गरीबुन्निसां भी समस्या को लेकर परेशान हैं, दस साल बीत गए, अभी वाटर सप्लाई तक की व्यवस्था नहीं हो सकी है। यही वजह है कि वार्ड के लोग देशी नल का पानी पीने को मजबूर हैं। उत्तर पूर्व बंधे पर चले जाएं, तो पिच मार्ग के बाद भी हर कदम पर गंदगी स्थिति को नारकीय बनाए हुए है। कई जगहों पर नाली टूटने से भी वार्डवासी परेशान रहते हैं। नागरिकों का कहना है कि शहर का दर्जा मिलने के बाद भी समस्या उनका पीछा नहीं छोड़ रही है।
सभासद मोहम्मद नसीम ने कहा कि, आवास के लिए पात्रों की समस्या जायज है, उन्होंने ने भी कई बार अधिकारियों को इससे अवगत कराया। अन्य समस्याओं के निस्तारण के लिए भी वह सदैव प्रयासरत रहते हैं।
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अधिशाषी अधिकारी ने कहा .
अधिशाषी अधिकारी शिवकुमार ने कहा कि आवास के लिए डूडा विभाग के लोग सही जवाब दे सकते हैं, उनके स्तर पर समस्या आती है, तो लिखा-पढ़ी की जाती है। पेयजल के लिए ओवरहेड टैंक का काम जल निगम विभाग देख रहा है, कार्य अभी अधूरा है। जहां तक अन्य समस्याएं हैं, तो उसके समाधान हेतु नगर पंचायत प्रशासन गंभीर है। शीघ्र ही जनता की समस्याओं के निस्तारण का प्रयास किया जाएगा।
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क्या कहते हैं पीओ डूडा
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परियोजना अधिकारी डूडा चंद्रभान वर्मा ने कहा कि, अभी वह बाहर हैं, कार्यालय में आकर ही वस्तु स्थिति बता सकते हैं, कितने की सूची बनी है, कितनों को स्वीकृत पत्र दिया गया है। वैसे जिनको गत वर्ष स्वीकृत पत्र दिया गया है, उनको जैसे ही धन आता है, संबंधित के खाते में भेजा जाएगा।