हेलमेट पहन चलाएं वाहन, तभी रहेंगे सुरक्षित
जागरूकता से ही मार्ग दुर्घटनाओं पर रोक संभव है'यह महज पंक्तियां नहीं हैं, इसमें जीवन का सार छुपा हुआ है। आत्मसात करके ही जीवन सुरक्षित रखा जा सकता है। पहले स्वयं में परिवर्तन लाना होगा, उसके बाद जागरूक किया जाए
सिद्धार्थनगर :'जागरूकता से ही मार्ग दुर्घटनाओं पर रोक संभव है'यह महज पंक्तियां नहीं हैं, इसमें जीवन का सार छुपा हुआ है। आत्मसात करके ही जीवन सुरक्षित रखा जा सकता है। पहले स्वयं में परिवर्तन लाना होगा, उसके बाद जागरूक किया जाए। जल्दी पहुंचने की होड़ घटना को अंजाम देती है। इस समस्या का निदान जल्दबाजी में नहीं है, थोड़ा सब्र करके जीवन को सुरक्षित रखा जा सकता है।
दैनिक जागरण व यातायात पुलिस ने बेपटरी यातायात को सुव्यवस्थित करने की पहल शुरू की है। मंशा स्पष्ट है कि यातायात व्यवस्था में सुधार लाया जाए। लोगों को नियमों के प्रति जागरूक किया जाए। दुर्घटना के लिए यह जरूरी नहीं गलती दोनों पक्ष की हो। जरा सी असावधानी मुश्किल में डालती है। गुरुवार को संभागीय परिवहन व पुलिस विभाग ने चे¨कग अभियान चलाया। बिना सीट बेल्ट लगाए गाड़ी चलाने, निर्धारित गति से तेज चलने, हेलमेट बिना पहनकर चलने वालों को टारगेट पर लिया। दोपहिया पर तीन सवारी वालों का चालान काटा गया। काली फिल्म चढ़ी गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। स्कूली बसों के चालकों को निर्धारित गति सीमा के भीतर चलने की चेतावनी दिया।
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शुक्रवार को हुआ चालान
सीट बेल्ट- छह
ओवरलो¨डग- छह
हेलमेट- 99
बिना कागजात पकड़े गए वाहन- 49
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यातायात नियमों का करें पालन
- निर्धारित गति से अधिक स्पीड पर वाहन न चलाएं।
- बिना हेलमेट दोपहिया वाहन न चलाए।
- वाहन के कागजात अवश्य साथ रखे।
- नशे की स्थिति में वाहन न चलाए।
- रेड लाइट पर गाड़ी रोके, ग्रीन होने पर आगे बढ़ें।
- चौराहों के जेब्रा लाइन से पहले रुकें।
- मुड़ने से पहले इंडीकेटर का प्रयोग करे।
- बैक मिरर में पीछे के वाहन को देखे।
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एआरटीओ ने चलाया चे¨कग अभियान
सदर थाना क्षेत्र के साड़ी तिराहा में शुक्रवार को यातायात माह में वाहनों की चे¨कग किया। एआरटीओ आशुतोष कुमार शुक्ला ने कहा मार्ग दुर्घटनाओं का मुख्य कारण नशा, नींद व तेज रफ्तार है। यातायात के नियमों का पालन करके दुर्घटनाओं पर लगाम लगाया जा सकता है। मार्ग दुर्घटना में घायलों की मदद में राहगीरों को आगे बढ़ कर सहयोग करना चाहिए। मदद के लिए 108 नंबर के साथ नजदीकी पुलिस को सूचना देनी चाहिए। घायल को सांस देने के साथ रक्तस्त्राव को रोकने का प्रयास करना चाहिए।