पेंशन की आस में बीत रही उम्र, नहीं होती सुनवाई
भनवापुर विकास खंड के ग्राम पंचायत मधुकरपुर में दो से तीन दर्जन ऐसे बुजुर्ग हैं जो जिदगी के अंतिम पड़ाव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। गरीब हैं और पात्रता की श्रेणी पूरी कर रहे हैं परंतु पेंशन की आस इनकी पूरी नहीं हो रही है। कई बार आवेदन किए ब्लाक से लेकर तहसील का चक्कर काटा मगर नतीजा सिफर
सिद्धार्थनगर :
भनवापुर विकास खंड के ग्राम पंचायत मधुकरपुर में दो से तीन दर्जन ऐसे बुजुर्ग हैं जो जिदगी के अंतिम पड़ाव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। गरीब हैं और पात्रता की श्रेणी पूरी कर रहे हैं, परंतु पेंशन की आस इनकी पूरी नहीं हो रही है। कई बार आवेदन किए, ब्लाक से लेकर तहसील का चक्कर काटा, मगर नतीजा सिफर है। योजना का लाभ कभी उन तक पहुंचेगा भी या नहीं, कुछ कहा नहीं जा सकता।
सरकार गरीब पात्रों के लिए वृद्धा, विधवा, दिव्यांग पेंशन की योजना संचालित कर रखी है। समय-समय पात्रों के पंजीकरण के लिए शिविर भी आयोजित किए जाते हैं। मगर उक्त गांव में बहुत सारे गरीब ऐसे हैं, जो पात्र होते हुए भी पेंशन सुविधा से वंचित हैं। शिविर के माध्यम से फार्म भी भरे गए, ग्राम प्रधान ने भी प्रयास किया। उदासीनता के कारण इनको पेंशन सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया है।
65 वर्षीय मोहरखा, 73 वर्षीय भीखना का कहना है कि पेंशन पाने की कोशिश की, मगर कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। अब तो उम्मीद ही धूमिल होती जा रही है। 62 वर्षीय कांशीराम व 70 वर्षीय आरती की भी पीड़ा यही है कि गरीब हैं, फिर भी कोई पेंशन नहीं मिल रही है। राम तौल तिवारी, हरिदेव त्रिपाठी, शिवगोविद त्रिपाठी, भोला यादव, ब्यास जी तिवारी, कालिया, जोगिदर, कृपाशंकर, पुनवाशी गौतम, विदवाती देवी आदि ऐसे हैं जो पात्र हैं, मगर इनको पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
खंड विकास अधिकारी रामदेव भारती का कहना है कि जांच कराते हैं, यदि पात्र हैं और आन लाइन आवेदन किए हैं, तो इनको पेंशन सुविधा का लाभ दिलाया जाएगा।