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पंचायत भवन अधूरे, कागज में चल रहा कार्यालय

अब हर ग्राम पंचायतों में कंप्यूटरीकृत पंचायत कार्यालय होंगे एवं उनमें पंचायत सहायक की तैनाती होगी। शासन का यह फरमान जिम्मेदारों की उदासीनता से हवा हवाई साबित हो रहा। खेसरहा ब्लाक में पंचायत भवनों के मरम्मत व निर्माण में तेजी तो दिखाई गई पर आधा अधूरा कार्य करा ब्लाक के जिम्मेदार व ग्राम प्रधान शांत बैठ गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 11:16 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:16 PM (IST)
पंचायत भवन अधूरे, कागज में चल रहा कार्यालय
पंचायत भवन अधूरे, कागज में चल रहा कार्यालय

सिद्धार्थनगर : अब हर ग्राम पंचायतों में कंप्यूटरीकृत पंचायत कार्यालय होंगे एवं उनमें पंचायत सहायक की तैनाती होगी। शासन का यह फरमान जिम्मेदारों की उदासीनता से हवा हवाई साबित हो रहा। खेसरहा ब्लाक में पंचायत भवनों के मरम्मत व निर्माण में तेजी तो दिखाई गई पर आधा अधूरा कार्य करा ब्लाक के जिम्मेदार व ग्राम प्रधान शांत बैठ गए। सभी पंचायत कार्यालय कागज में ही सिर्फ चल रहे हैं।

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ग्राम पंचायत के निवासियों को ब्लाक के चक्कर न लगाना पडे़, हर सरकारी योजना, सूचना व सरकारी समस्या का समाधान ग्राम पंचायत से ही उन्हें मुहैया हो जाए सरकार की यह मंशा थी। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते अधिकांश पंचायत भवनों का काम अधूरा है। जबकि शासन के निर्देश पर हर ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक की नियुक्ति लगभग दो माह पूर्व हो चुकी है। पंचायत भवन अधूरे होने के कारण इनकी नियुक्तियां बेमतलब साबित हो रही है।

पंचायत भवन कलनाखोर : ग्राम पंचायत कलनाखोर में दस वर्ष पूर्व लगभग दो लाख से बने पंचायत भवन का रंग रोगन करा कर पंचायत भवन की रूपरेखा तैयार की गई है। न हीं उस में बैठने के लिए सीट है न ही बिजली व पानी की कोई व्यवस्था हुई। जबकि पंचायत भवन हर सुविधा से लैस होना है। पंचायत कार्यालय संचालन की रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई।

पंचायत भवन सकारपार: ग्राम पंचायत सकारपार में दस वर्ष पूर्व लगभग दो लाख की लागत से बनाए गए पंचायत भवन का कई बार मरम्मत कराया गया बावजूद दीवाल के प्लास्टर निकले हुए हैं। अभी तक बरामदे व कमरे में टाइल्स नहीं लगी। बैठने की कोई व्यवस्था भी नहीं है। जबकि पंचायत सहायक नियुक्त हो गए जो कागज में कार्यालय चला रहे हैं।

पंचायत भवन पिपराफरदंग :

ग्राम पंचायत पिपराफरदंग में दो माह से पंचायत भवन का नींव डालकर छोड़ दिया गया है। लेकिन निर्माण कार्य अभी तक नहीं शुरू हुआ। पंचायत सहायक की तैनाती हो गई पर वह कहां बैठे इसका कोई इंतजाम नहीं हुआ। नींव तक के कार्य में अब तक तीन लाख रुपये का भुगतान भी हो चुका है। बाकी भवन कब बनेगा ग्रामीण आस लगाए हैं।

खेसरहा के बीडीओ राज कुमार ने कहा कि मैं अभी जल्द ही इस विकास खंड में आया हूं। जो भी काम अपूर्ण हैं, उन्हें पूरा कराने का निर्देश समस्त विकास अधिकारियों दिया हूं और मैं खुद एक एक कार्य का निरीक्षण कर रहा हूं। पंचायत भवन में पंचायत कार्यालय की स्थापना सरकार की महत्वपूर्ण योजना है।


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