बाढ़ के जख्म पर भारी बेटी की मौत का दर्द
सिद्धार्थनगर : बाढ़ के जख्म पर बीमारी ने अब नमक छिड़कना शुरू कर दिया है। बीमारी के कारण्
सिद्धार्थनगर : बाढ़ के जख्म पर बीमारी ने अब नमक छिड़कना शुरू कर दिया है। बीमारी के कारण ही बाढ़ के पानी में डूबा इंदिरा नगर वार्ड के टोला गरगजवा में दो वर्षीय एक बच्ची की मौत हो गई। परिवार सहित पूरे गांव का बसेरा बना डुमरियागंज बांध में पन्नी तान के रह रहे लोगों में बाढ़ के दहशत के बीच मातम का स्वर सुनाई पड़ने लगा।
गरगजवा गांव चार दिनों से पानी में डूबा है। पूरा गांव बांध पर पन्नी तान जीवन यापन कर रहा है। इसमें चार बच्चे संक्रामक रोगों के गिरफ्त में आ चुके हैं। बुधवार की दोपहर ग्राम निवासी राम दुलारी की पुत्री तीन दिनों से सर्दी, बुखार से जूझते हुए काल के गाल में समा गई। बताया जाता है कि उसे तेज बुखार था और मंगलवार की रात से उसकी उल्टी सांस चलने लगी। रामदुलारी के अनुसार अस्पताल में लेकर गई तो वहां आक्सीजन नहीं था। नौगढ़ जाने का मार्ग बंद था और यहां किसी प्राइवेट अस्पताल में भी यह सुविधा नहीं मिली। थक-हार कर दवा के भरोसे उसे रखे रहा। सुबह हुई तो बस्ती ले जाने के लिए पैसों का जतन करने लगी पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी और दोपहर 12 बजे के करीब उसने दम तोड़ दिया। इस घटना ने बांध पर पन्नी के नीचे डेरा जमाए बाढ़ की आपदा झेल रहे लोगों को मनों कटे पर नमक छिड़क दिया हो। हर कोई गमगीन बस सरकारी व्यवस्था को ही कोसता नजर आ रहा था। सूचना पर पहुंची निवर्तमान नपाध्यक्ष चमन आरा ने दहाड़े मारकर रो रही राम दुलारी को ढाढ़स बंधाया और बेटी के अंतिम संस्कार में सहयोग किया।