गरीबों की मदद में आगे आने लगे संगठन
गुरुद्वारा कमेटी करा रही है लोगों को भोजन - अधिवक्ता संघ ने की है मदद देने की पहल
सिद्धार्थनगर : कोरोना से बचाव की जंग में सभी वर्ग के लोग सामने आने लगे हैं। लाकडाउन में लोग घरों के अंदर कैद हैं। दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। इनकी मदद के लिए प्रशासनिक स्तर से कवायद शुरू हो गई है। राजनीतिक दल भी कदम से कदम मिलाकर आपदा के समय चल रहे हैं। अधिवक्ताओं ने भी सहयोग प्रदान करने के लिए प्रशासन से संपर्क साधा है। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी ने गरीबों को भोजन कराने का बीड़ा उठाया है। बाहर से आए कुछ लोग यहां फंसे हैं। कई संस्थाओं ने इन्हें भी आसरा देने की पहल की है। सभी शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर रहे हैं।
महामंत्री सिविल सिद्धार्थ बार एसोसिएशन दिव्य प्रकाश शुक्ला ने प्रशासन को पत्र लिखकर कहा है कि एसोसिएशन में 600 अधिवक्ता पंजीकृत हैं। आपदा की इस घड़ी में वह जब चाहें और जैसे चाहें, इनका प्रयोग कर सकती है। गुरुद्वारा प्रबंध समिति भोजन की व्यवस्था में जुटा है। क्वारंटाइन होम में रखे गए लोगों को भोजन कराने का बीड़ा उठाया है। ग्राम विकास अधिकारी संघ ने एक दिन के वेतन देने के लिए कहा है। भाजपा के जिलाध्यक्ष गोविद माधव अपने पेट्रोल पंप पर ऐसे गरीबों को भोजन कराने में जुटे हैं, जिनके आगे-पीछे कोई नहीं है। दिहाड़ी मजदूरों के लिए इनका भंडारा देररात तक खुला रहता है। उन्होंने इसके लिए अपनी कमेटी को भी लगा दिया है। जिलाध्यक्ष कांग्रेस काजी सुहेल भी लोगों को मदद करने में जुटे हैं। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी उन्होंने जारी किया है। प्रदेश महासचिव यूथ कांग्रेस प्रदीप ठकुराई ने अधिकारियों से कहा है कि उनके निजी स्कूल का प्रशासन प्रयोग कर सकता है। तहसील प्रशासन ने स्कूल का निरीक्षण भी कर लिया है। व्यापार मंडल सिद्धार्थनगर के पदाधिकारी भी जन सहयोग में लगे हैं। दिहाड़ी मजदूरों के भोजन की व्यवस्था कराने में जुटे हैं।
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कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी के रूप में सामने आया है। जन सहयोग से ही इस पर काबू पाया जा सकता है। आपदा की इस घड़ी में सभी को आगे बढ़ कर सहयोग करना होगा। शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करें।
दीपक मीणा
जिलाधिकारी