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गांव ओडीएफ पर बाहर शौच जाते ग्रामीण

दो अक्टूबर 2018 को पूरा जिला ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। खुनियांव विकास खंड के ग्राम पंचायत कलेनिया के राजस्व गांव नवेल पर नजर डालें तो यहां शासन-प्रशासन का दावा सवालों के घेरे में है। यहां कुछ शौचालय जहां अपूर्ण हैं , वहीं बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें शौचालय की सुविधा मिली ही नही

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 11:16 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 11:16 PM (IST)
गांव ओडीएफ पर बाहर शौच जाते ग्रामीण
गांव ओडीएफ पर बाहर शौच जाते ग्रामीण

सिद्धार्थनगर : दो अक्टूबर 2018 को पूरा जिला ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। खुनियांव विकास खंड के ग्राम पंचायत कलेनिया के राजस्व गांव नवेल पर नजर डालें तो यहां शासन-प्रशासन का दावा सवालों के घेरे में है। यहां कुछ शौचालय जहां अपूर्ण हैं , वहीं बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें शौचालय की सुविधा मिली ही नही। यही वजह है ओडीएफ के बाद सुबह-शाम लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।

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गांव में 85 परिवार निवास करते हैं। यहां 20 शौचालय ही अभी तक लोगों को उपलब्ध हो सके हैं। उसमें भी कुछ अधूरे हैं। लवकुश व त्रिवेणी ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए उन्हें प्रधान द्वारा 9500 रुपये नगद दिए गए हैं। चौधरी को पांच हजार ही मिल पाए हैं। नियमत: पात्रों को 6000-6000 का चेक दो किस्तों में दिया जाना होता है। संतलाल, रामकिशोर, सूर्यपाल, छठिलाल का कहना है कि वह पात्र हैं फिर भी उन्हें शौचालय नहीं दिया गया है। रामदेव, विनोद, मोल्हू, नर¨सह, गणेश, शिवनाथ, जीवन सहित दर्जनों ग्रामीणों ने भी शौचालय वितरण में अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। बीडीओ अवधेश ¨सह का कहना है कि अभी वह नए आए हैं। पता कराते हैं फिर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।


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