आदेश के बाद भी सूखे पड़े ताल-तलैया
सिद्धार्थनगर : पशु-पक्षियों के लिए पेयजल की किल्लत न हो, इसके लिए प्रशासन ने सभी खंड विकास अधिकारियो
सिद्धार्थनगर : पशु-पक्षियों के लिए पेयजल की किल्लत न हो, इसके लिए प्रशासन ने सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह ग्राम प्रधान व सचिव के माध्यम से सूखे तालाबों में पानी भरवाने का कार्य करें। जिससे कि बेजुबानों को पेयजल की समस्या से दो-चार न होना पड़े।
गर्मी शुरू होते ही ग्रामीण इलाकों में स्थापित ताल-पोखरे सूख गए हैं, जिसके कारण पशु-पक्षिओं को पेयजल के लिए जूझना पड़ रहा है। तहसील क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतो में लगभग चार सौ से अधिक आदर्श तालाब हैं। जलाशयों में पानी न होने से नलों के पानी का तल भी नीचे खिसक रहा है। शासन ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किया है कि सूखे जलाशयों में पानी भरवाने की व्यवस्था कराई जाए। जलाशय भरवाने का आदेश तो आ चुका हैं, लेकिन प्रधान किस निधि से यह काम कराएं, इसके लिए कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है। ग्राम प्रधान इस आदेश को लेकर उहापोह की स्थिति में हैं। उनका कहना है कि एक तालाब को भरवाने में दस हजार रुपये का खर्च आता है। यह कहां से आएगा? बताने वाला कोई नहीं है। तहसीलदार राजेश अग्रवाल ने बताया कि आदेश मिलें हैं, बीडीओ को इसके लिए निर्देशित किया गया है।