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पूर्व की सरकारों ने नहीं भेजा था प्रस्ताव: सांसद

सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलने बदलने के लिए लगातार मांग की जा रही थी। लेकिन पूर्व की सपा व बसपा सरकार ने नाम बदलने का प्रस्ताव नहीं भेजा था। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार तक तब जन भावनाओं वाली बात पहुंची तो उन्होंने तुरंत इसका प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा। तब जाकर नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी हो सकी। सांसद ने बताया कि नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम सिद्धार्थनगर नहीं होने से बाहर से आने वालों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में नाम का बदला जाना आवश्यक है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 10:58 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 10:58 PM (IST)
पूर्व की सरकारों ने नहीं 
भेजा था प्रस्ताव: सांसद
पूर्व की सरकारों ने नहीं भेजा था प्रस्ताव: सांसद

सिद्धार्थनगर : सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलने बदलने के लिए लगातार मांग की जा रही थी। लेकिन पूर्व की सपा व बसपा सरकार ने नाम बदलने का प्रस्ताव नहीं भेजा था। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार तक तब जन भावनाओं वाली बात पहुंची तो उन्होंने तुरंत इसका प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा। तब जाकर नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी हो सकी। सांसद ने बताया कि नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम सिद्धार्थनगर नहीं होने से बाहर से आने वालों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में नाम का बदला जाना आवश्यक है।

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रविवार को कैंप कार्यालय पर पत्रकारों से वार्ता के दौरान सांसद ने कहा कि भारत सरकार ने प्रदेश सरकार को नाम बदलने को लेकर सर्कुलर जारी करते हुए रोमन व अंग्रेजी में सिद्धार्थनगर का नाम मांगा है जिससे कि रेलवे में नाम को बदला जा सके। सरकार द्वारा नाम भेजे जाने के साथ ही रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के साथ जनपद मुख्यालय व रेलवे स्टेशन का नाम एक हो जाएगा। अयोध्या मामले पर आए फैसले को लेकर सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत हर तरफ किया जा रहा है। सभी पक्षकारों ने इसे स्वीकार किया। इससे भारत में धर्मनिरपेक्ष का ढांचा मजबूत होगा। फैसला आने के बाद जिस तरह से सभी समुदाय के लोगों ने शांति व सौहार्द बनाए रखा। इससे दुनिया में भी एक संदेश गया कि भारत में लोगों ने गंगा जामुनी तहजीब के संगम को प्रभावित नहीं होने दिया। फैसले से भारत की धर्मनिरपेक्षता ही नहीं मजबूत हुई बल्कि भारत न न्यायपालिका की जीत हुई है। इससे सभी में न्यायपालिका के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है।


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