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हवन-पूजन व देवी दर्शन की रही धूम

शनिवार को मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक महागौरी एवं मां सिद्धिदात्री के दर्शन-पूजन को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। हर तरफ देवी मंदिरों में हवन कुंड से उठ रहे धुएं से वातावरण शुद्ध हो उठा। हवन के साथ ही जगह-जगह कन्या पूजन व उनको भोजन कराने की भी होड़ रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 11:39 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 06:17 AM (IST)
हवन-पूजन व देवी दर्शन की रही धूम
हवन-पूजन व देवी दर्शन की रही धूम

सिद्धार्थनगर : शनिवार को मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक महागौरी एवं मां सिद्धिदात्री के दर्शन-पूजन को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। हर तरफ देवी मंदिरों में हवन कुंड से उठ रहे धुएं से वातावरण शुद्ध हो उठा। हवन के साथ ही जगह-जगह कन्या पूजन व उनको भोजन कराने की भी होड़ रही। पूजन व हवन का क्रम निपट जाने के बाद श्रद्धालुओं ने प्रसाद खाया। चारो तरफ जय माता दी के जयघोष व शंखनाद से माहौल भक्तिमय हो गया। हालांकि व्रतियों द्वारा नवरात्र व्रत का पारण रविवार को किया जाएगा।

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नवरात्र में हर दिन जय माता दी के जयकारे गुंजायमान होते हैं, लेकिन शनिवार का दिन कुछ अलग रहा। पूरे दिन जयकारों के साथ हवन कुंड में दी जा रही आहुति संग स्वाहा की गूंज से नजारा बदला-बदला दिखाई दिया। शहर स्थित सिंहेश्वरी मंदिर, हनुमानगढ़ी मंदिर, बेलहिया स्थित दुर्गा मंदिर, मधुकरपुर स्थित मां भद्रकाली मंदिर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में योगमाया मंदिर, पल्टा देवी मंदिर, कठेला समय माता, गालापुर वट वासिनी देवी, भिरंडा समय माता, घोसवा समय माता मंदिर आदि स्थानों पर माहौल एक जैसा रहा। हर जगह हवन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। लोग अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे। मंदिरों पर मेले जैसा माहौल रहा। चारो ओर मां के जयकारे गूंजते रहे। इसके बाद कन्या पूजन व उनको भोजन कराने का सिलसिला चलता रहा। तमाम कन्याओं के पांव पखार कर उनको भोजन कराया गया। दिन भर यह क्रम चलता रहा। आचार्य योगेश पांडेय के अनुसार पारण का मुहूर्त रविवार सुबह है। इस दिन सुबह ही स्नान-दान के बाद पारण करना श्रेयस्कर होगा।

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हवन पूजन के लिए उमड़े श्रद्धालु

शोहरतगढ़: भिरंडा की समय माता व पल्टा देवी मंदिर में सुबह से ही व्रती महिलाओं, पुरूषों, युवक व युवतियां हवन पूजन किया। हवन कराने के बाद कुवांरी कन्याओं के पैर धूलकर खीर पूड़ी व दक्षिणा दिया गया। यह सिलसिला देर सायं तक चलता रहा। पंडित राजेंद्र पांडेय ने बताया कि अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पड़ने से इस बार आठ दिन ही नवरात्र रहा। पारण दशमी तिथि में ही किया जाता है। समय माता मंदिर पर हवन कराने के लिए बेहतर व्यवस्था की गयी थी। ताकि श्रद्धालु परेशान न होने पाएं। मंदिर कमेटी के कमलेश गुप्ता ने बताया कि भीड़ अधिक होने व नवरात्र आठ दिन पड़ने के कारण भंडारे का आयोजन 15 अप्रैल को होगा।

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भंडारे का आयोजन

पकड़ी: उसका बाजार के मदनपुर स्थित श्री दुर्गा मंदिर में भंडारे का आयोजन किया गया। भक्तों ने हलुआ-पूड़ी का प्रसाद ग्रहण किया। संयोजक शिवेशनाथ मिश्र ने बताया कि विगत 10 वर्षों से अनवरत नवमी के दिन आयोजन किया जाता है। इसमें क्षेत्रवासियों का योगदान रहता है। सर्वप्रथम कन्याओं को भोजन कराने के बाद फिर अन्य को प्रसाद वितरित किया जाता है। गंगाधर दुबे, बालमुकुंद त्रिपाठी, विनोद त्रिपाठी, जितेंद्र त्रिपाठी, पुरुषोत्तम त्रिपाठी, धनंजय त्रिपाठी, राजू त्रिपाठी, बैजनाथ त्रिपाठी, अमित त्रिपाठी, पन्नेलाल गौड़, दीपक जयसवाल, राधेश्याम, अजीत, शिवाकर, अंकुर, विवेक मौजूद रहे।


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