आओ भारत की सीमा का दर्शन करें .
सिद्धार्थनगर : जनपद मुख्यालय स्थित नगर पालिका भवन के सभागार में'एक दिया शहीदों के नाम विषयक कवि सम्म
सिद्धार्थनगर : जनपद मुख्यालय स्थित नगर पालिका भवन के सभागार में'एक दिया शहीदों के नाम विषयक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों व शायरों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति से खूब वाहवाही लूटी। कार्यक्रम के अंत में लोगों ने सिद्धार्थ तिराहे पर शहीदों के नाम दिया जलाकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
कवि सुशील श्रीवास्तव (सागर) ने सरस्वती वंदना व अपनी रचना'न तो हिन्दू हूं मैं न मुसलमान हूं मैं तो इंसान हूं सिर्फ इंसान हूं'से कार्यक्रम को दिशा प्रदान किया। कार्यक्रम के संयोजक कवि पंकज सिद्धार्थ ने कहा'आओ भारत की सीमा का दर्शन करें , एक दीपक शहीदों को अर्पण करें, नफरतों से न हृदय को मैला करें। प्रेम का गीत गा-गाके वर्णन करें जिसे लोगों ने खूब सराहा और उनके प्रथम संयोजन पर उन्हें ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए सभी ने उनका उत्साहवर्धन किया । कार्यक्रम के संचालक वरिष्ठ कवि डॉ ज्ञानेंद्र द्विवेदी (दीपक) ने'हमारी राह में आये तो पर्वत तोड़ देते हैं जरूरी हो तो दरिया के भी मुख को मोड़ देते हैं, भरत हैं राम-लक्ष्मण हम हमारा इम्तिहां मत लो पिता के इक इशारे पर अयोध्या छोड़ देते हैं'से कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान किया, और लोगों में देश भक्ति का जज्बा भर दिया। हास्य कवि राकेश त्रिपाठी (गंवार) ने अपनी पारी में कहा कि'सब मुर्गियां वही हैं अंडे बदल गए हैं ये घाट है पुराना पण्डे बदल गए है' सुनाकर खूब तालियां बटोरी। इसी क्रम में शायर डा. जावेद कमाल ने कहा कि'कुछ और न सही मिलकर चलो यही कर लें एक दिया शहीदों के नाम हो जाये'जिस पर उन्हें खूब सराहा गया। शायर नियाज कपिलवस्तवी ने' काम कोई हमारा रुकेगा नहीं दूसरों के जो हम काम आते रहें'से खूब तालियां बटोरी। उक्त के अलावा शायर नूर कासमी, मंजर अब्बास रिज्वी, सिद्धार्थ गौतम, मोनिस फैजी, संघशील झलक, हमदम सिवानी, विक्रांत मणि त्रिपाठी, अविनाश कुमार आजाद ने भी अपनी रचनाओं से लोगों का मन मोह लिया। कवि/शायरों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। दीपावली पर आयोजित उक्त कार्यक्रम के अध्यक्ष नपाध्यक्ष श्याम विहारी जायसवाल व मुख्य अतिथि चिकित्सक डॉ चन्द्रेश उपाध्याय ने मां वीणापाणि के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण किया। डॉ चन्द्रेश उपाध्याय ने कहा कि कविगणों की रचना की एक-एक पंक्ति जीवन में उतारने योग्य है। ऐसे आयोजन भटके लोगों को मार्ग दिखाते हैं। आयोजक भुवनेश्वर शर्मा ने कहा कि जनपद की पहचान पूरे विश्व पटल पर हो इसके लिए कुछ करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि क्या करूं यहां के नेता व जनप्रतिननिधियों की उदासीनता से यहां कुछ भी नही हो पा रहा है। कार्यक्रम के बाद लोग सिद्धार्थ तिराहे पर पहुंचे और वहां लोगों ने शहीदों के नाम दिया जलाकर उन्हें याद किया। उक्त दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अखण्ड प्रताप ¨सह, डॉ अमित कुमार पाण्डेय, नितेश पाण्डेय, दीपक मणि त्रिपाठी, मनोज कुमार श्रीवास्तव, शक्ति जायसवाल आदि सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।