Move to Jagran APP

तस्करी से छीन रहा किसानों का हक

जिले के किसानों में 35 हजार मीट्रिक टन खाद बांटी जा चुकी है। बावजूद किसान खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। उन्हें गेहूं की फसल के लिए यूरिया नहीं मिल पा रही। इसका सबसे बड़ा कारण खाद तस्करी है। दर्जनों की संख्या में तस्कर सक्रिय हैं। सुरक्षा एजेंसियों की आंख में धूल झोंकते हुए तस्कर बड़ी आसानी से खाद बार्डर से पार करा रहे

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 10:54 PM (IST)
तस्करी से छीन रहा किसानों का हक
तस्करी से छीन रहा किसानों का हक

सिद्धार्थनगर: जिले के किसानों में 35 हजार मीट्रिक टन खाद बांटी जा चुकी है। बावजूद किसान खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। उन्हें गेहूं की फसल के लिए यूरिया नहीं मिल पा रही। इसका सबसे बड़ा कारण खाद तस्करी है। दर्जनों की संख्या में तस्कर सक्रिय हैं। सुरक्षा एजेंसियों की आंख में धूल झोंकते हुए तस्कर बड़ी आसानी से खाद बार्डर से पार करा रहे हैं।

loksabha election banner

इंडो-नेपाल बार्डर के खुनवा, कोटिया, पकड़िहवां, राम नगर, बजहां, गौरा, पोखरभिटवा, अलीगढ़वा, नरकुल, धनगड़वा के रास्ते साइकिल से तस्कर खाद नेपाल ले जा रहे हैं। गुरुवार को बजहा सागर बंधे से सटे भरथापुर गांव में कई जगहों पर यूरिया छिपा कर रखी गई थी। तस्कर कुछ साइकिल पर लादे थे तो कुछ झोपड़ी के किनारे रखे थे तो कुछ पुआल में छिपाए थे। कुछ साइकिल से लाद कर ले भी जा रहे थे। गांव वालों ने बताया कि यह खाद जिन तस्करों की है, वह उनका विरोध नहीं कर पाते। क्योंकि वह धमकी देते हैं। पुलिस में शिकायत इसलिए नहीं करते कि वह भी उनसे मिले रहते हैं। साइकिल से खाद नेपाल ले जा रहे एक व्यक्ति ने बताया कि आधार कार्ड दिखाने पर उसे उसपार खाद ले जाने की अनुमति मिल जाती है, जब यह पूछा गया कि आपका अधार कार्ड कहां है तो वह बगले झांकने लगा। ग्रामीणों ने बताया कि बार्डर के निकट खाद की दुकानों से इन तस्करों को खाद आसानी से मिल जाती है। उन्हें पचास रुपये अधिक देने पड़ते हैं। नेपाल में इन्हें दो से ढाई सौ रुपए प्रति बोरी अतिरिक्त मिल जाती है। यहां एक बोरी (45 किलो) यूरिया की बिक्री के लिए तीन सौ रुपये निर्धारित है। 50 किलो वाली बोरी का रेट 329 रुपये है। जबकि नेपाल का रेट 750 रुपये प्रति बोरी (50 किलो) निर्धारित है। इनसेट यहां के कुछ किसानों की खेती नेपाल में भी है। इस कारण कुछ किसान नेपाल में खाद ले जाते हैं। तस्करी के मामले की छानबीन कराई जाएगी। वैसे जनपद के किसानों के लिए एक हजार मीट्रिक टन खाद और मंगाई गई है।

सीपी ¨सह

जिला कृषि अधिकारी इनसेट

बार्डर पर यदि खाद तस्कर सक्रिय हैं तो इसकी सघनता से जांच कराई जाएगी। इसके लिए बार्डर के सभी थानों की पुलिस को अलर्ट किया जाएगा।

डा. धर्मवीर ¨सह

पुलिस अधीक्षक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.