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मनरेगा की शरण में स्वच्छता की मुहिम

केंद्र व प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शुमार स्वच्छ भारत मिशन 2002 के बेस लाइन सर्वे के आंकड़ों में उलझ कर रह गया है। सर्वे के अनुसार यदि जिला संतृप्त हो जाता है, तो भी करीब एक लाख परिवार शौचालय से वंचित रह जाएंगे

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 11:12 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 11:12 PM (IST)
मनरेगा की शरण में स्वच्छता की मुहिम
मनरेगा की शरण में स्वच्छता की मुहिम

सिद्धार्थनगर : केंद्र व प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शुमार स्वच्छ भारत मिशन 2002 के बेस लाइन सर्वे के आंकड़ों में उलझ कर रह गया है। सर्वे के अनुसार यदि जिला संतृप्त हो जाता है, तो भी करीब एक लाख परिवार शौचालय से वंचित रह जाएंगे। इस स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने मनरेगा की मदद लेने पर विचार कर रहा है। बेस लाइन सर्वे से इतर परिवारों को मनरेगा के तहत शौचालय उपलब्ध कराने पर मंथन चल रहा है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो जनपद के एक लाख परिवारों को मनरेगा के तहत शौचालय उपलब्ध कराया जाएगा।

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वर्ष 2002 के बेस लाइन सर्वे के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 272032 परिवार निवास करते हैं। इनमें से 95906 के पास शौचालय है। शेष 176126 परिवारों को शौचालय मुहैया कराना था। हाल के वर्षों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत इसमें से 84140 परिवारों को शौचालय मुहैया कराया गया। अभी भी मिशन 91986 परिवारों को शौचालय मुहैया कराने की चुनौती से जूझ रहा है। जबकि यदि 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर गौर करें तो जनपद में करीब 3.7 लाख परिवार निवास करते हैं। वर्तमान समय में यह आंकड़ा चार लाख को पार कर गया होगा। बेस लाइन सर्वे की तुलना में यह आंकड़ा काफी ज्यादा है। यदि इनमें से कुछ परिवारों ने निजी संसाधनों से शौचालय का निर्माण करवा भी लिया होता, तो भी कम से कम एक लाख परिवारों के शौचालय से वंचित रह जाने का अनुमान है। ऐसे में यदि मिशन के जरिए जिला संतृप्त भी हो जाता है, तो यह एक लाख परिवार शौचालय से वंचित रह जाएंगे। इससे सरकार की मंशा फलीभूत नहीं होगी और मिशन अधूरा रह जाएगा। इसी गैप को भरने के लिए जिला प्रशासन मंथन कर रहा है। उनको मनरेगा के तहत शौचालय मुहैया कराए जाने पर विचार किया जा रहा है। मनरेगा योजना में पहले से ही शौचालय का प्राविधान है। बस इसके सही क्रियान्वयन की आवश्यकता है।

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मनरेगा के तहत शौचालयों का निर्माण कराए जाने का प्राविधान पुराना है। बेस लाइन सर्वे के बाद बचे हुए परिवारों को इसके तहत लाभान्वित किए जाने पर विमर्श चल रहा है। जल्दी ही जिला प्रशासन द्वारा इस पर कोई निर्णय लिए जाने की संभावना है।

अनिल कुमार ¨सह

डीपीआरओ

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मुख्यमंत्री ने लगाई फटकार

इसी वर्ष गांधी जयंती के अवसर पर जिले को खुले में शौचमुक्त घोषित किया जाना है। सोमवार शाम हुई वीडियो कांफ्रें¨सग में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने यह स्पष्ट करते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाए जाने का निर्देश दिया है। सूबे में 66वें स्थान पर काबिज सिद्धार्थनगर जनपद में ओडीएफ गांवों की कम संख्या एवं शौचालय निर्माण की धीमी प्रगति पर फटकार लगाई। पूरी वीडियो कांफ्रें¨सग के दौरान सीएम ने दो बार जिम्मेदारों की क्लास लगाई।

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बढ़ाई जा रही स्वच्छाग्रहियों की संख्या

प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में इस जनपद में सबसे कम स्वच्छाग्रही हैं। अभी तक महज 500 स्वच्छाग्रहियों के सहारे काम चलाया जा रहा था, जबकि कम से कम हर गांव में एक स्वच्छाग्रही होना चाहिए। इस लिहाज से यहां कुल 1199 स्वच्छाग्रहियों की आवश्यकता है। बदली हुई परिस्थितियों में इसके लिए कवायद प्रारंभ कर दी गई है। चार चरणों में कम से कम चार सौ स्वच्छाग्रही प्रशिक्षित किए जाएंगे। इसका पहला चरण समाप्त हो चुका है, जबकि दूसरा चरण चल रहा है।

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दूसरे दिन भी जारी रहा सीएलटीएस प्रशिक्षण

मंगलवार को दूसरे दिन भी खजुरिया रोड स्थित एक होटल में स्वच्छाग्रहियों का सीएलटीएस प्रशिक्षण जारी रहा। इस बैच मे कुल 90 में से 50 महिला स्वच्छाग्रही शामिल हैं। विश्व बैंक के प्रशिक्षक विनोद शर्मा ने उनको ट्रिग¨रग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कल जोगिया, उस्का, नौगढ़ व बर्डपुर ब्लाक के चिह्नित गांवों में उनको व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। डीपीसी संजय तिवारी, प्रशिक्षिका निशा श्रीवास्तव, प्रिया मिश्रा, मिथिलेश व दीक्षा श्रीवास्तव सहित तमाम प्रशिक्षु मौजूद रहे।


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