एक दशक बाद भी नहीं बना कस्तूरबा विद्यालय
खेसरहा ब्लाक का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय 10 वर्ष से भ्रष्टाचार की कहानी बयां कर रहा। एक दशक बाद भी भवन का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। 36 लाख की लागत से निर्माण तो शुरू हुआ पर आठ माह तक काम कराने के बाद कंपनी का ठीकेदार फरार हो गया।
सिद्धार्थनगर: खेसरहा ब्लाक का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय 10 वर्ष से भ्रष्टाचार की कहानी बयां कर रहा। एक दशक बाद भी भवन का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। 36 लाख की लागत से निर्माण तो शुरू हुआ पर आठ माह तक काम कराने के बाद कंपनी का ठीकेदार फरार हो गया। विभाग ने प्राथमिकी भी दर्ज कराई लेकिन मामला वहीं तक ही सिमट कर रह गया।
विकास खण्ड के ग्राम पंचायत कड़जा के प्राथमिक विद्यालय परिसर में वर्ष 2008-09 में दो तल के कस्तूरबा विद्यालय का निर्माण कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश सहकारी निर्माण एवं विकास लिमिटेड द्वारा शुरू किया गया। विभाग ने मिले धन में से 10 प्रतिशत की कटौती कर 32 लाख 44 हजार रुपये निर्माण कंपनी को भुगतान कर दिया था। आठ माह में केवल भवन के प्रथम तल का ही निर्माण कराया गया। ठीकेदार काम बंद कर फरार हो गया। जबकि विद्यालय भवन दो मंजिल का बनना है। दो वर्ष बाद भी काम शुरू न होने की दशा में तत्कालीन बीएसए ने खेसरहा थाने में 36 लाख पांच हजार रुपये की रिकवरी के लिए मुकदमा दर्ज करा दिया। वर्ष 2018 में जांच एजेंसी द्वारा जब इसकी जांच की गई तो विभाग के अभियंता ने निर्माण को मानक के विपरीत बताते हुए भवन को कंडम घोषित करते हुए ध्वस्तीकरण की संस्तुति कर दी।
डीसी निर्माण रितेश श्रीवास्तव ने कहा कि जांच एजेंसी द्वारा निर्मित भवन को मानक के विपरीत बताते हुए उसे कंडम घोषित कर दिया है। इस लिए पूरे भवन का ध्वस्तीकरण किया जायेगा तथा नये भवन का निर्माण कराया जाएगा। जिसके लिए विभाग को कार्ययोजना बनाकर भेज दी गई है। जैसे ही धन आता है निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।