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सामुदायिक शौचालय का लोकार्पण, खुले में शौच नहीं जाएंगे ग्रामीण

नौगढ़ ब्लाक के कोड़रा ग्रांट गांव में शुक्रवार को नवनिर्मित सामुदायिक शौचालय का लोकार्पण हुआ। अब ग्रामीण इस शौचालय का प्रयोग कर सकेंगे। 12 शीट का यह शौचालय एक वर्ष में बन कर तैयार हुआ है। 26 जून 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वर्चुअल शिलान्यास किया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 12:56 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 12:56 AM (IST)
सामुदायिक शौचालय का लोकार्पण, खुले में शौच नहीं जाएंगे ग्रामीण
सामुदायिक शौचालय का लोकार्पण, खुले में शौच नहीं जाएंगे ग्रामीण

सिद्धार्थनगर : नौगढ़ ब्लाक के कोड़रा ग्रांट गांव में शुक्रवार को नवनिर्मित सामुदायिक शौचालय का लोकार्पण हुआ। अब ग्रामीण इस शौचालय का प्रयोग कर सकेंगे। 12 शीट का यह शौचालय एक वर्ष में बन कर तैयार हुआ है। 26 जून 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वर्चुअल शिलान्यास किया था। ग्रामीणों से वादा किया था कि लाकडाउन के दौरान घर वापस लौटे प्रवासियों को गांव में रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए इन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा। शौचालय का संचालन स्वयं सहायता समूह की सदस्य रीमा को सौंपा गया है।

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बीडीओ संगीता यादव ने कहा स्वच्छ भारत मिशन में प्रत्येक ग्राम सभा मे सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस शौचालय का शिलान्यास किया था। प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किया। शौचालय में महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। स्नान घर भी बना है। रखरखाव के लिए कृष्णा स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य को जिम्मेदारी दी गई है। एडीओ पंचायत संजय श्रीवास्तव, प्रधान मोहम्मद अरशद, विवेक मणि त्रिपाठी, रजनीश त्रिपाठी, परवेज, इरशाद, विश्वनाथ, राधेश्याम, गुड्डू विश्वकर्मा, सलाहुद्दीन आदि मौजूद रहे। गोशाला खाली, फिर भी अवमुक्त हो रहा धन सिद्धार्थनगर : सरकार के अति महत्वाकांक्षी गो संरक्षण को जिम्मेदार ही पलीता लगा रहे हैं। ग्राम पंचायतों में लाखों के बजट से बनी गोशाला धूल फांक रही है। पशुओं का नामो-निशान नहीं है, लेकिन हर महीने गायों की कागजों में दर्ज संख्या के हिसाब से धन अवमुक्त हो जाता है। इतना ही नहीं जहां निर्माण कार्य हुए हैं, इतने खराब हुए कि हवा का जोर तक नहीं झेल पा रहे हैं और धराशायी हो जा रहे हैं।

भनवापुर ब्लाक के मधुकरपुर की गोशाला सरकारी धन के अपव्यय की कहानी बयां कर रही है। गोशाला में पशु कभी नहीं रहते, जब निरीक्षण की जानकारी मिलती है तब यहां पशुओं को घेरकर पहुंचाया जाता है। इंतजाम के नाम पर 50 गोवंश के लिए गोशाला को लगभग 45 हजार रुपये प्रति माह मिलते हैं, लेकिन यहां हरे चारे को कौन कहे सूखा भूसा तक नहीं दिखता। यहां बना भूसा भंडार घर तो इतने निम्न स्तर का बनाया गया कि बीते दिनों हुई बारिश में भरभरा कर गिर गया। गनीमत कि उस वक्त आसपास कोई था नहीं अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो जाती। एसडीएम त्रिभुवन ने कहा मामला गंभीर है। जांच करवाकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी। ठीकेदार को ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा।


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