जिला अस्पताल में बनेगा पालनागृह
सिद्धार्थनगर : संयुक्त जिला अस्पताल में अब लावारिस मिले बच्चों के भी सेहत का ख्याल रखा जाएगा। इसके
सिद्धार्थनगर : संयुक्त जिला अस्पताल में अब लावारिस मिले बच्चों के भी सेहत का ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए जिला अस्पताल में दो बेड का पालना गृह बनाया जाएगा। इस घर में जिले में लावारिस हालत में पाए जाने वाले बच्चों को रखा जाएगा। अस्पताल में तैनात कर्मचारी इन बच्चों की सेहत का ख्याल भी रखेंगे। इसके लिए विशेष तौर पर कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। कर्मचारी बच्चों की देखभाल करेंगे।
अस्पताल परिसर में शिशु पालना केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके अंतर्गत एक निश्चित स्थान पर नवजात बच्चों के लिए झूला लगाया जाएगा। जिससे कोई भी माता-पिता विभिन्न कारणों से अपने नवजात बच्चे को इधर-उधर फेंकने या मारने के बजाए शिशु पालना केंद्र में लगे झूले में छोड़ सके। शिशु पालना योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में ऐसे बच्चे जिन्हे मां-बाप शिशु को विभिन्न परिस्थितियों के कारण छोड़ देते हैं और कई बार ऐसे बच्चों की मौत तक हो जाती है। समाज में प्रत्येक बच्चे को जीने का अधिकार प्राप्त है तथा ऐसी परिस्थितियों में पैदा हुए बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए शिशु पालना गृह स्थापित किया जा रहा है, जिससे शिशु सुरक्षित रह सकें। शिशु पालना योजना के अंतर्गत जब किसी बच्चे को शिशु पालना केंद्र में छोड़ दिया जाता है तो ऐसे बच्चे को केंद्र प्रभारी द्वारा प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के उपरांत संबंधित जिले की बाल कल्याण समिति को सूचित किया जाएगा।। समिति के सदस्य इसे इच्छुक दंपत्ति को गोद देंगे या उसे अनाथालय में रखेंगे इसका फैसला वह करेंगे। पालनागृह की स्थापना के लिए अस्पताल प्रशासन ने प्रथम तल पर स्थान को ¨चहित कर लिया है। आयुष्मान भारत योजना के लिए बने कक्ष के आधे हिस्से को पालनागृह का रूप दिया जाएगा। इस कमरे में दो झूला लगाया जाएगा। इसके अलावा उनके लिए अन्य उपयोगी जरूरत का सामान भी मौजूद रहेगा। सीएमएस डा. रोचस्मति पांडेय ने कहा बाल विकास मंत्रालय के निर्देश पर पालनागृह का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। जल्द ही जरुरी सामान खरीदकर पालनागृह चालू कर दिया जाएगा।