गांवों में फैली गंदगी से उठ रहा स्वच्छता पर सवाल
प्रदेश व केन्द्र सरकार भले ही लाख यतन कर ले पर गांवों इसका कोई असर नही दिख रहा है। स्वच्छता के बजाय वह गंदगी से कराह रही है । जाम नालियों से उठने वाली दुर्गन्ध लोगों को नाक बंद करने को विवश कर दे रही
सिद्धार्थ नगर : प्रदेश व केन्द्र सरकार भले ही लाख यतन कर ले पर गांवों इसका कोई असर नही दिख रहा है। स्वच्छता के बजाय वह गंदगी से कराह रही है । जाम नालियों से उठने वाली दुर्गन्ध लोगों को नाक बंद करने को विवश कर दे रही है । जब की अन्य संक्रामक बीमारियां पांव पसारने को आतुर है। बावजूद जिम्मेदार चैन की बंशी बजा रहे हैं।
खेसरहा विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत धुसहा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है । यहां अब तक विकास के नाम पर ग्रामीणों के साथ केवल धोखा ही हुआ है। यहां पर कराए गये विकास कार्य स्वच्छता कि पोल खोलने को पर्याप्त है । करीब एक हजार की आबादी वाले इस गांव के लोगो का गंदगी के चलते जीना दुश्वार हो गया है। गांव की सड़कें व नालियां जहां गंदगी से पटी है । वहीं नालियां भी जाम होकर उफान मारने को आतुर है। बरसात के दिनों में यहां की दशा नारकीय हो जाती है । कई दिनों तक जल-जमाव बना रहता है । इसकी मुख्य वजह जाम व टूटी नालियां ही है । दूसरे जहां सुरक्षित है । वहां सफाई के अभाव मे जाम पड़ी है । पानी निकलने का और कोई रास्ता भी नही है । जिम्मेदार सरकारी योजनाओं को पलीता लगाने मे कोई कसर नही छोड़ते जहां एक तरफ रैली व चौपाल के माध्यम से लोगो को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहे है । वही बैठे जिम्मेदार इसकी धज्जियां उठा रहे है। गांव की नालियां पिछले प्रधान के कार्यकाल मे निर्माण तो कराया गया वह पूरा नही हुआ, जिससे गांव मे गंदे पानी बह रहे है धन की मांग किये है धन मिलते ही मरम्मत करा दिया जाएगा।
रामवृक्ष यादव
प्रधान प्रतिनिधि