अस्पताल दुर्व्यवस्था का शिकार, स्टाफ मनमौजी
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं लापरवाही व व्यवस्थाओं की मार झेल रही हैं। कई अस्पताल को तो तैनात कर्मी धर्मशाला बनाकर रखे हुए हैं। जब मर्जी आइए और जब मर्जी जाइये। इस मनमौजी व्यवस्था में बीमार व तीमारदार दोनों पीस रहे हैं। सोमवार को कुछ ऐसी ही स्थित खेसरहा विकास खण्ड के कठमोरवा में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की देखने को मिली ।
सिद्धार्थ नगर : ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं लापरवाही व व्यवस्थाओं की मार झेल रही हैं। कई अस्पताल को तो तैनात कर्मी धर्मशाला बनाकर रखे हुए हैं। जब मर्जी आइए और जब मर्जी जाइये। इस मनमौजी व्यवस्था में बीमार व तीमारदार दोनों पीस रहे हैं। सोमवार को कुछ ऐसी ही स्थित खेसरहा विकास खण्ड के कठमोरवा में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की देखने को मिली ।
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सुबह के 8.45 बज रहे थे। फार्मासिस्ट नरूलहुदा, वार्ड ब्वाय राम चन्द्र विमल व स्वीपर मो.रईश अस्पताल पर आराम से बैठ गप लगा रहे थे। उस समय तक 10 -12 कभी आ गए तो आ गये। डॉक्टर साहब क्या नहीं आए हैं तो जवाब मिला आते होंगे। अब तक 9.25 हो गया था। पर अस्पताल पर तैनात दो चिकित्सकों में से एक भी नहीं पहुंच सके थे। इसी बीच कुर्थिया निवासी जमुना प्रसाद अपना.इलाज कराने आये इनके शरीर में खुजलाहट हो रही थी। चिकित्सक को मौजूद न पाकर वह फार्मासिस्ट से.प्राथमिक उपचार कराकर लौट गए। नूरूलहुदा ने बताया कि आने का समय हो गया है।
----------- एक नजर दुर्व्यवस्था पर
अस्पताल निर्माण के समय ही बना गया चिकित्सक आवास देख रेख के अभाव में काफी जर्जर हो चुका है। उसके चारो तरफ जंगल लगे हुए है। विद्युत सप्लाई न होने से सारे उपकरण धूल फांक रहे हैं। पूरा अस्पताल परिसर बाउंड्री विहीन होने से इसके बन्द होते अराजक तत्वों का इसमें जमावड़ा हो जाता है। जिससे अस्पताल में अक्सर नुकसान होता रहता है। पेयजल की व्यवस्था भी नदारत है। शौचालय भी निष्प्रयोज्य पड़ा है।
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चिकित्सक प्रतिदिन समय से जाते है किसी कारण बिलंब हो गया होगा। जिसकी जानकारी करते है रही बात नर्सिगहोम व मेडिकल स्टोर की तो इसके लिए जल्द अभियान के तहत जांच किया जायेगा अवैध मिलने पर कार्रवाई भी होगी।
डा.एस.के.भारती, प्रभारी चिकित्सक, खेसरहा