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समय से खुलता नहीं अस्पताल, मरीज बेहाल

विकास खंड खेसरहा के ग्राम टिकुर में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ चुका है। डेढ़ वर्ष से चिकित्सक का अकाल तो है ही साथ ही इसके खुलने का कोई समय भी नहीं है। अस्पताल बंद देख अक्सर मरीज लौट जाते हैं। यही हाल रहा तो यहां से मरीजों का मोह पूरी तरह भंग हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 11:30 PM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 06:31 AM (IST)
समय से खुलता नहीं अस्पताल, मरीज बेहाल
समय से खुलता नहीं अस्पताल, मरीज बेहाल

सिद्धार्थनगर: विकास खंड खेसरहा के ग्राम टिकुर में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ चुका है। डेढ़ वर्ष से चिकित्सक का अकाल तो है ही साथ ही इसके खुलने का कोई समय भी नहीं है। अस्पताल बंद देख अक्सर मरीज लौट जाते हैं। यही हाल रहा तो यहां से मरीजों का मोह पूरी तरह भंग हो जाएगा।

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समय सुबह 8 बजे बंद मिला। करीब 8:10 बजे एक महिला अपने साथ एक बच्चे को लेकर दिखाने आई। अस्पताल को बंद देख यह बड़बड़ाते वापस हो ली की यहां जब आओ तब यह बंद ही मिलता है।

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समय 9:45 बजे स्वीपर मोहम्मद रफीक पहुंचते हैं। अस्पताल के बंद गेट का ताला खोल कर दाखिल हुए। सफाई व्यवस्था में जुट जाते हैं। पूरा परिसर झाड़ियों से घिरा है। अस्पताल की बाउंड्री भी नहीं बनी है। पेयजल के लिए एक अदद देशी नल तक नहीं लगा है। बिजली की आपूर्ति भी अभी तक नहीं हो सकी है।

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समय 9:30 बजे वार्ड ब्वाय राधेश्याम अस्पताल पहुंचे। इनके पीछे ही बंजरहा निवासी पत्थर नाती रामबहाल (9) वर्ष जिसे तेज बुखार था। लगभग 10 मिनट इन्तजार के बाद फार्मासिस्ट भुवनेश्वर प्रसाद यादव अस्पताल पर आ गए। मरीज को बुखार का दवा दिया। देर से आने का कारण पूछने पर बताया कि अक्सर समय से आते हैं आज कुछ आवश्यक कार्य के कारण देरी से पहुंचे हैं। यहां तैनात एलए रामवृक्ष चौधरी एवं एनएमए राजेश श्रीवास्तव नहीं आये थे।

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समय 10 बजे अनारी देवी सकारपार निवासी बदन दर्द की शिकायत लेकर पहुंची। फार्मासिस्ट ने देखा और दवा दिया। अस्पताल में जरूरी दवाएं उपलब्ध थीं पर मरीजों की तादाद में भारी कमी थी। 12 बजे तक सिर्फ चार मरीज ही उपचार कराने आ सके थे।

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एक नजर कुछ दिनों की ओपीडी

पिछले कुछ दिनों में आये मरीजों की संख्या पर गौर करें तो यहां 27 अगस्त को 21 मरीज, 26 को 24, 24 को 17 मरीज, 23 को 18 व 22 अगस्त को कुल 19 मरीज यहां देखे गए। बीमारियों के मौसम में हर अस्पताल पर जहां मरीजों की भीड़ उमड़ी है। वहीं यहां इतने कम मरीजों की उपस्थिति व्यवस्था में खामी की पोल खोल रही है।

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बोले ग्रामीण

बंजरहा निवासी विद्यासागर पाण्डेय ने कहा कि लगभग एक साल पहले यहां डाक्टर नवीन चन्द्र चौधरी की तैनाती थी। उनके जाने के बाद किसी चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई। जिससे लोगों को 15 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेसरहा जाना पड़ता है। सकारपार निवासी रामधनी ने कहा कि अस्पताल खुलने का समय आठ बजे से है। यह अभी समय से नहीं खुलता है। धुसवा निवासी श्रीराम लोधी ने बताया कि यहां पर केवल जुकाम बुखार का ही इलाज हो पाता है। अन्य बीमारियों के लिए प्राइवेट डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है। सेमरा मुस्तहकम के विजय प्रकाश शुक्ला ने कहा कि क्षेत्र में न्यू पीएचसी बनने पर लोग काफी हद तक खुश थे, लेकिन चिकित्सक के न होने से यह बेमतलब साबित हो रहा है।

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जहां तक चिकित्सक के न होने की बात है तो इसके लिए विभाग को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। बाउंड्री, हैंडपंप एवं अस्पताल में बिजली न होने के सवाल पर कहा कि यह जेई की जिम्मेदारी बनती है। एलए रामवृक्ष चौधरी एवं राजेश श्रीवास्तव सीएचसी खेसरहा पर अटैच हैं।

डॉ संजय भारती, अधीक्षक, सीएचसी, खेसरहा


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