आखिर कब होगा जिला क्षय रोग मुक्त
जिले को क्षय रोग से मुक्त करने की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। जब भी रोग उन्मूलन के लिए अभियान चलाता है तो नए रोगी अवश्य मिल रहे हैं। रोगियों की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही है। इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग के रोग उन्मूलन के लिए चलाए गए अभियान में हुआ है। सात से 17 जनवरी तक चलाए गए अभियान में 82 नए मरीजों की पहचान की गई
सिद्धार्थनगर: जिले को क्षय रोग से मुक्त करने की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। जब भी रोग उन्मूलन के लिए अभियान चलाता है तो नए रोगी अवश्य मिल रहे हैं। रोगियों की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही है। इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग के रोग उन्मूलन के लिए चलाए गए अभियान में हुआ है। सात से 17 जनवरी तक चलाए गए अभियान में 82 नए मरीजों की पहचान की गई है।
टीम ने पांच ब्लाकों में मरीजों की पहचान के लिए अभियान चलाया। 105 टीमों ने चिन्हित ब्लाकों में 237642 लोगों की स्क्री¨नग की । कुल 931 संदिग्ध पाए गए। सभी की बलगम जांच कराई गई। 82 लोगों में क्षय रोग का होना पाया गया। जबकि पिछले साल जून माह में चले अभियान में तीन लाख की आबादी में संदिग्ध मिले 864 लोगों की बलगम जांच कराई गई थी। इनमें 56 में रोग होने की पुष्टि हुई थी। इस बार संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। भनवापुर ब्लाक में 16, बर्डपुर 26, उसका 11, भनवापुर 11,बांसी छह, इटवा में छह रोगी पाए गए हैं। 70 मरीजों की दवा शुरू हो चुकी है। जबकि 12 और रोगियों का इलाज जल्द शुरू हो जाएगा।
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जिले में हैं 3200 रोगी
जिले में पहले ही 3200 रोगियों की पहचान की जा चुकी है। इन्हें निश्शुल्क इलाज मुहैया कराया जा रहा है। सुपोषण के लिए मरीजों के बैंक खातों में हर माह पांच सौ रुपया प्रति माह भेज रहा है। लोगों के जागरूक न होने से रोगियों की संख्या घटने के बजाय बढ़ रही है।
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294 रोगी हैं गंभीर
क्षय रोग से पीड़ित 294 गंभीर रोगियों की पहचान की गई है। ऐसे मरीजों को सामान्य दवाएं काम नहीं करती हैं। जिससे रोग ठीक नहीं हो पाता है। लंबे समय तक इलाज की जरुरत होती है।
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क्षय रोग उन्मूलन के लिए अभियान चलाया गया है। 82नए मरीजों की पहचान की जा चुकी है। 70 का निश्शुल्क इलाज शुरू कर दिया गया है। बचे मरीजों की दवाएं भी जल्द शुरू की जाएंगी।
डॉ सौरभ चतुर्वेदी, जिला क्षय रोग अधिकारी