सफाई हवा-हवाई, संक्रामक रोगों का खतरा
भनवापुर ब्लाक मुख्यालय से जुड़े आधा दर्जन गांव गंदगी का दंश झेल रहे हैं। इन गांव में पिछले आठ महीने से सफाईकर्मियों के दर्शन नहीं हुए जिसके चलते गांव में जगह जगह गंदगी है और नालियां चोक पड़ी हैं। गांव में फैली गंदगी के चलते लोग मच्छरजनित रोगों के शिकार हो रहे हैं,बावजूद इसके जिम्मेदार मूक दर्शक बने बैठे हैं।
सिद्धार्थनगर: भनवापुर ब्लाक मुख्यालय से जुड़े आधा दर्जन गांव गंदगी का दंश झेल रहे हैं। इन गांव में पिछले आठ महीने से सफाईकर्मियों के दर्शन नहीं हुए जिसके चलते गांव में जगह जगह गंदगी है और नालियां चोक पड़ी हैं। गांव में फैली गंदगी के चलते लोग मच्छरजनित रोगों के शिकार हो रहे हैं,बावजूद इसके जिम्मेदार मूक दर्शक बने बैठे हैं।
भनवापुर विकास खंड के अधिकतर ग्राम पंचायतों में सफाईकर्मियों की उदासीनता चरम पर है। पिपरा पांडेय , मनकौरा, गागापुर,सफीपुर, परसोहिया तिवारी, करहिया सघन,साहेबपारा, पखौली, ऊंचडीह, सुकालाजोत,सोहना सहित कई ऐसे गांव है जहां सफाईकर्मी पिछले कई महीने से नहीं आए। सफाई कर्मियों के न आने से गांव में जगह जगह गंदगी के ढ़ेर लगे हुए हैं और चोक नालियों का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बह रहा है। सफाई न होने के चलते गांव के लोग संक्रामक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मोहम्मदपुर के रमेश, पूर्णिमा, नजबुन्निशा, लालता, छोटकी सहित अन्य कई मच्छरजनित रोगों से प्रभावित हैं। इसी प्रकार गागापुर के मनोज, गोकुल, हनीफ बुखार से पीड़ित हैं। मुकेश, लंबू, प्रकाश, जियाउद्दीन क्षेत्र के दशरथ, हृदयनाथ, मंगरे, रऊफ सहित अन्य लोगों का कहना है कि ग्राम प्रधान से लेकर ब्लाक मुख्यालय तक शिकायत दर्ज कराई गई पर सफाई व्यवस्था जस की तस है। प्रभारी बीडीओ भनवापुर सौरभ पांडेय ने कहा कि समस्या की जानकारी मिली है। सफाई कर्मियों की टोली बनाकर प्रभावित गांव में साफ सफाई को भेजा जाएगा।