अब तक सस्ते दर पर दवा उपलब्ध नहीं करा सका स्वास्थ्य विभाग
सात वर्ष में नही खुला जिले में एक भी जन औषधि केंद्र
रोगियों को महंगी दवा खरीदने को होना पड़ रहा मजबूर
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर: गरीबों को सस्ते दर पर दवा उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना जिले में मूर्त रूप नहीं ले सकी है। योजना शुरू होने के सात वर्ष में जिले में एक भी जन औषधि केंद्र नहीं खुल पाया है। इसके पीछे जिम्मेदारों की लापरवाही है। हालत यह है कि गंभीर रोगियों को बाहर से महंगी दवा खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल सहित जिले के चार सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर गरीबों को सस्ती दर पर जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र स्थापित किया जाना था। लेकिन अभी तक एक भी केंद्र की स्थापना नहीं हो पायी है। जहां पर भी केंद्र खुलना था, वहां पर सरकारी संस्थान की ओर से एक कमरा उपलब्ध कराना था। बुद्ध भूमि पर प्रधानमंत्री के इस अति महत्वाकांक्षी योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। लोग न चाहते हुए भी जेनेरिक दवाओं की जगह महंगी ब्रांड की दवाएं खरीदने को मजबूर हैं।
बस्ती के किसी फर्म को दी गई है जिम्मेदारी
पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने केंद्र की स्थापना का प्रयास शुरू किया था। बस्ती की एक फर्म से वार्ता भी हुई थी। अब मेडिकल कालेज के अधीन जा चुके संयुक्त जिला अस्पताल में केंद्र स्थापित करने के लिए कमरा भी मुहैया कराने पर सहमति बन गयी थी। टेंडर प्रक्रिया भी शुरू की गयी। पर सीएमओ के ट्रांसफर के साथ ही मामला ठंडे बस्ते बस्ते में चला गया।
यहां खुलना था केंद्र
जिला अस्पताल सहित पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बर्डपुर, बेंवा, बांसी, शोहरतगढ़ और इटवा में जन औषधि केंद्र खोला जाना था। लेकिन अभी तक केंद्र खुलना तो दूर इसकी कवायद तक नहीं हो सका है। मजे की बात यह है संबंधित केंद्र प्रभारी को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
सीएमओ डा. अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि जन औषधि केंद्र खोलने के लिए वेंडर से कई बार कहा गया। वह सिर्फ आश्वासन देता है। इसकी जानकारी राज्यस्तरीय अधिकारियों को दी गयी है। उच्च स्तर से मिले निर्देश का पालन किया जाएगा।