हनुमत ने राख की सोने की लंका
सीता की खोज के लिए सुग्रीव वानरों के दल को चारों दिशाओं में भेजते हैं। भगवान राम हनुमान को अंगूठी देते हैं और कहते हैं कि जब सीता मिल जाएगी यह निशानी के तौर पर देना सभी लोग अपने-अपने दिशा में चल देते हैं।
सिद्धार्थनगर : चौखड़ा में चल रहे रामलीला में शनिवार की रात कलाकारों ने मंचन में दिखाया कि राम, लक्ष्मण ऋष्यमूक पर्वत पहुंचते हैं। जहां सुग्रीव से उनकी मित्रता होती है। सुग्रीव राम को बालि के बारे में बताते हैं। तब प्रभु रामजी वृक्ष की ओट से बालि को मार देते है। रामचंद्र जी लक्ष्मण को किष्किधा भेजते हैं जहां वह सुग्रीव को राजा तथा अंगद को युवराज बनाते हैं।
सीता की खोज के लिए सुग्रीव वानरों के दल को चारों दिशाओं में भेजते हैं। भगवान राम हनुमान को अंगूठी देते हैं और कहते हैं कि जब सीता मिल जाएगी यह निशानी के तौर पर देना सभी लोग अपने-अपने दिशा में चल देते हैं। दक्षिण दिशा में हनुमान अंगद जामवंत आदि लोग जाते हैं समुद्र के किनारे उन्हें संपाती मिलता है जो सीता के बारे में बताता है। हनुमान 100 योजन समुद्र पार कर लंका पहुंचते हैं। अशोक वाटिका में बैठी माता सीता को बैठा देख हनुमान मुद्रिका को सीता के आंचल में फेंक देते हैं। सीता मुद्रिका देखकर व्याकुल हो जाती हैं तब हनुमानजी उनके सामने आते हैं। और सारी बात बताते हैं हनुमान सीता से कहते हैं मुझे भूख लगी है। सीता उन्हें फल खाने के लिए आज्ञा लेती हैं। वह अशोक वाटिका में लगे फलों को खाने लगते हैं कि राक्षस आते हैं। हनुमान उनको घायल कर देते हैं सभी लोग रावण के पास आते हैं। रावण अक्षय कुमार को भेजता है जिसे हनुमान मार डालते हैं। फिर मेघनाथ आता है तथा हनुमान को ब्रह्मास्त्र से बांधकर रावण के पास ले जाता है। रावण उन्हें मारने की आज्ञा देता है, लेकिन विभीषण रोकते हैं। तब रावण हनुमान की पूंछ में आग लगाने की आज्ञा देता है। जैसे ही आग लगाई जाती है हनुमान सोने की लंका को जलाकर राख कर देते हैं।