अच्छी पैदावार के लिए फसलों की करें देखभाल
गुरुवार को बभनान चीनी मिल के जनरल मैनेजर केन दिनेश राय तथा केन मैनेजर अजीत वर्मा ने भवानीगंज थानाक्षेत्र में पहुंचकर गन्ना फसल का निरीक्षण किसानों के साथ किया। गन्ने की अछी फसल को देखकर उन्होंने किसानों की मेहनत को सराहा और बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए जरूरी सलाह भी दिया।
सिद्धार्थनगर : गुरुवार को बभनान चीनी मिल के जनरल मैनेजर केन दिनेश राय तथा केन मैनेजर अजीत वर्मा ने भवानीगंज थानाक्षेत्र में पहुंचकर गन्ना फसल का निरीक्षण किसानों के साथ किया। गन्ने की अच्छी फसल को देखकर उन्होंने किसानों की मेहनत को सराहा और बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए जरूरी सलाह भी दिया। कहा कि बभनान चीनी मिल अपने किसानों के साथ हर मोड़ पर खड़ी है, हम कम रेट पर मिल की खाद किसानों को उपलब्ध कराने के साथ ही उन्नतशील प्रजातियों की जानकारी भी साझा करते रहते हैं। कहा कि भुगतान के मामले में भी हम अन्य मिलों की अपेक्षा तत्परता से बकाया भुगतान करते हैं, जिससे किसानों का जुड़ाव गन्ना खेती के प्रति बना रहे।
थानाक्षेत्र में लगभग 1000 बीघे से अधिक रकबे में गन्ना फसल किसान तैयार कर रहे हैं। पहले यह रकबा और अधिक था लेकिन किसान अन्य फसलों की ओर भी आकृष्ट हुए जिससे रकबा कम हुआ। केन मैनेजर ने किसानों को समझाया कि गन्ने की फसल में कीट रोग फैलाते हैं। विशेषकर गन्ने की फसल चोटी बेधक तथा कंडुवा रोग से ग्रसित होती है। इससे बचाव के लिए किसानों को पौधों को जड़ सहित उखाड़ने के तरीके को समझाते हुए कुछ दवाओं को पानी के साथ तय मात्रा में सम्मिलित करते हुए ड्रिचिंग कर हल्की सिचाई करने का भी सुझाव दिया। काला चिकटा, मिलीबग कीटों से बचाव के तरीके भी समझाते हुए किसानों को बताया कि यदि किसान समय पर अपनी फसल का ध्यान रखें तो रोगों से बचाया जा सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फसल तो सुरक्षित रहेगी ही। भविष्य में भी फसल में यह कीट नहीं पनप पाएंगे। महतिनियां में गोलमाल, होगी विभागीय कार्रवाई
सिद्धार्थनगर : भनवापुर ब्लाक के ग्राम महतिनियां खुर्द में सामुदायिक शौचालय के निर्माण में अनियमितता, अन्य निर्माण अपूर्ण और गोशाला में अधिक संख्या दिखाकर धन आहरण के मामले में ग्राम पंचायत सचिव विवेक कुशवाहा के खिलाफ विभागीय जांच प्रारंभ हो गई है। डीपीआरओ ने उनके खिलाफ नोटिस जारी की है। बीते शनिवार को सीडीओ पुलकित गर्ग ने इस ग्राम पंचायत का निरीक्षण किया था, जिसमें खामियां मिली थीं।
सामुदायिक शौचालय के निर्माण के लिए 4.08 लाख के सापेक्ष 3.60 लाख रुपये खर्च हुए, शौचालय बाहर से रंगाई-पोताई कर कार्य पूरा दिखाकर जियो टैग कर भुगतान करा लिया गया, जबकि अंदर कार्य अधूरा मिला। यहां पंचायत भवन भी अपूर्ण पाया गया, जबकि पंचायत भवन के निर्माण के लिए वित्त आयोग से पांच लाख और मनरेगा से चार लाख समेत नौ लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। प्राथमिक विद्यालय में दिव्यांग शौचालय के निर्माण के लिए 2.06 लाख खर्च करने के बावजूद कार्य पूर्ण नहीं मिला। 1.61 लाख खर्च करने के बाद भी परिसर में इंटरलाकिग नहीं कराई गई। वहीं, ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्य में भी गड़बड़झाला मिला, जांच में मौके पर जारी मस्टर रोल के अनुसार 90 श्रमिकों की बजाए मात्र 15 उपस्थित थे। इसी प्रकार गोशाला में 100 गोवंश दिखाकर धन आहरण हर महीने किया जा रहा था। जबकि पड़ताल में सिर्फ 25 पशु ही मिले थे। डीपीआरओ आदर्श ने बताया कि सीडीओ की जांच में गड़बड़ी मिलने के बाद ग्राम पंचायत सचिव विवेक कुमार कुशवाहा को नोटिस देते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।