आफत की बारिश, किसानों की उम्मीदें धराशायी
जिले के किसानों के लिए बुरे दिनों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले से तीन बार की बारिश फसलों के लिए नुकसानदेह साबित हो चुकी है। गुरुवार की रात व शुक्रवार की सुबह फिर बेमौसम हुई बारिश व ओला ने बचे फसलों को बर्बाद कर दिया।
सिद्धार्थनगर : जिले के किसानों के लिए बुरे दिनों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले से तीन बार की बारिश फसलों के लिए नुकसानदेह साबित हो चुकी है। गुरुवार की रात व शुक्रवार की सुबह फिर बेमौसम हुई बारिश व ओला ने बचे फसलों को बर्बाद कर दिया। जिससे किसानों को अब रबी की फसल मिलने की उम्मीद कम दिख रही है। वह अपनी किस्मत को कोस रहे हैं। जनपद मुख्यालय के रेलवे स्टेशन समेत कई जगहों पर फसल जमीन पर गिर गई।
सप्ताह पूर्व बारिश व तेज हवा से किसान संभल भी नहीं पाए थे कि गुरुवार की रात व शुक्रवार की सुबह हुई बारिश ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है। कृषि विभाग भी मान रहा है कि अगर मौसम दो तीन दिन तक ऐसे रहा तो रबी फसल पर काफी असर पड़ेगा। जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि फसलों की क्षति पूर्ति के लिए सर्वे कराया जा रहा है। डीएम के निर्देश पर तहसीलवार टीम लगाई गई है। ऐसे किसान जो प्रधानमंत्री फसल बीमा कराए हैं, वह दावा कंपनी या कार्यालय में 72 घंटे के अंदर उपलब्ध करा दें। जिससे नुकसान का आंकलन कराकर बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति दिलाई जा सके। इटवा कार्यालय के अनुसार पिछले दिनों तेज हवा के साथ हुई बारिश ने फसलों को काफी बर्बाद कर दिया, फिर भी किसान उम्मीद लगाए हुए थे। मगर प्रकृति ने उनकी उम्मीदों को फिर झटका दे दिया। किसान कभी आसमान तो कभी अपने बर्बाद होती फसल को निहार रहे हैं। गजेन्द्र शुक्ल, प्रवीण कुमार, अमित पाण्डेय, राम आशीष आदि ने कहा कि पकने की कगार पर खड़ी गेहूं की फसल को बारिश ने बर्बाद कर दिया। सरसों व आम के बौर को भी नुकसान पहुंचा है।