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सिंचाई के लिए नहर बेमतलब

तहसील अंतर्गत ऊंचडीह रजवाहा विभाग की उपेक्षा का शिकार है। सफाई की दिशा में जिम्मेदारों का रवैया उदासीन है। जब पानी की आवश्यकता होती है तो छोड़ा ही नहीं जाता है। नहर होने के बाद भी इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 11:33 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 11:33 PM (IST)
सिंचाई के लिए नहर बेमतलब
सिंचाई के लिए नहर बेमतलब

सिद्धार्थनगर : तहसील अंतर्गत ऊंचडीह रजवाहा विभाग की उपेक्षा का शिकार है। सफाई की दिशा में जिम्मेदारों का रवैया उदासीन है। जब पानी की आवश्यकता होती है, तो छोड़ा ही नहीं जाता है। नहर होने के बाद भी इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है।

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रजवाहा के बसडीला गांव के पास नहर किसानों के लिए बेमतलब है। नहर सूखी पड़ी है। जब कभी बारिश होती हो तो इसमें पानी रहता है। सफाई के अभाव में कई जगहों पर पानी का बहाव अवरुद्ध होता जाता है। जरूरत पर पानी छोड़ा नहीं जाता है। कभी-कभी अनावश्यक पानी छोड़ दिया जाता है। कुछ जगहों पर सुरक्षित पटरी न होने से पानी खेतों में चला जाता है और फसल डूब जाती है। फूलचंद्र व बंशीधर पांडेय का कहना है कि किसानों को नहर से कोई फायदा नहीं मिलता है। इसकी दशा सुधारने हेतु जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। आशुतोष पाण्डेय व अनिल तिवारी ने कहा कि नहर में कब पानी छोड़ना चाहिए और कब नहीं, इस पर अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं। इधर महीनों से पानी नहीं छोड़ा गया है। स्थिति यह है कि मवेशियों को पानी पीने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। एसडीओ सरयू नहर विभाग शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि राप्ती नदी का जलस्तर नीचे चला गया था, जिसकी वजह से दिक्कत थी। जैसे ही पानी की आवश्यकता होगी नहर में पानी छोड़ दिया जाएगा।


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