पर्ची न गन्ने की तौल का इंतजाम
गन्ना विभाग की बदइंतजामी के चलते किसान परेशान हैं। कहीं पर्ची नहीं मिल रही तो कई जगहों पर तौल की व्यवस्था सही नहीं है। सड़कें क्षतिग्रस्त होने के चलते भी गन्ना लदी गाड़ियां केंद्रों पर नहीं पहुंच पा रहीं। ऐसे में किसान अपना गन्ना बिचौलियों को बेचने पर मजबूर हैं।
सिद्धार्थनगर : गन्ना विभाग की बदइंतजामी के चलते किसान परेशान हैं। कहीं पर्ची नहीं मिल रही तो कई जगहों पर तौल की व्यवस्था सही नहीं है। सड़कें क्षतिग्रस्त होने के चलते भी गन्ना लदी गाड़ियां केंद्रों पर नहीं पहुंच पा रहीं। ऐसे में किसान अपना गन्ना बिचौलियों को बेचने पर मजबूर हैं।
भनवापुर ब्लाक में गन्ना तौल के लिए चार क्रय केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने वाली सड़क क्षतिग्रस्त है। चौखड़ा, हथियवा, हिजुरा और तरहर में रुधौली चीनी मिल का कांटा तो लगा है, लेकिन यहां भी किसानों को दो-तीन इंतजार करना पड़ता है। हिजुरा केंद्र पर मिल के पर्याप्त ट्रक न होने से किसानों को दूसरे केंद्रों पर जाना पड़ रहा है। इन समस्याओं से मिल प्रबंधन व गन्ना विभाग को अवगत कराया गया है, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा।
राम उजागिर बताते हैं कि नेपाल के जवाभारी मिल पर आसानी से भुगतान हो जाता है। मिल के बंद होने और दूसरी परेशानियों के चलते किसान अब गन्ना उत्पादन से मुंह मोड़ रहे हैं।
अकबर अली को भी गन्ने की खेती में फायदा नजर नहीं आ रहा। उनका कहना है कि भुगतान में वर्षो लग जाते हैं। गन्ना अब नकदी फसल नहीं रहा। अफसर भी इसको लेकर खामोश रहते हैं।
श्रीराम का कहना है कि हिजुरा में तौल केंद्र तक पहुंचने के लिए रास्ता ही नहीं है। किसान किराए की गाड़ियां लेकर जाते हैं, जहां तीन दिन से पहले तौल नहीं होती, इससे किराया बर्बाद होता है।
लक्ष्मण चौधरी ने बताया कि जिनकी फसल तैयार है उनके नाम की पर्ची नहीं आ रही। जिनकी पर्ची आ रही उनकी फसल तैयार नहीं है। ऐसे में किसानों को दूसरे की पर्ची पर गन्ना तौल कराना पड़ता है।