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फसलों को बर्बाद कर रहे बेसहारा पशु

बेसहारा पशुओं की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ग्रामीण इलाकों के किसान इन पशुओं से अपनी फसल बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। मगर किसी एक रात की जरा सी चूक उनकी सारी मेहनत चौपट कर देती है। सुबह खेत में फसल की जगह तबाही का मंजर दिखता है। किसान इस समस्या को अपने अपने स्तर पर निपटने की कोशिश कर रहे

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 11:00 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 11:00 PM (IST)
फसलों को बर्बाद कर रहे बेसहारा पशु
फसलों को बर्बाद कर रहे बेसहारा पशु

सिद्धार्थनगर : बेसहारा पशुओं की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ग्रामीण इलाकों के किसान इन पशुओं से अपनी फसल बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। मगर किसी एक रात की जरा सी चूक उनकी सारी मेहनत चौपट कर देती है। सुबह खेत में फसल की जगह तबाही का मंजर दिखता है। किसान इस समस्या को अपने अपने स्तर पर निपटने की कोशिश कर रहे हैं। कड़ाके की सर्दी में ग्रामीण रात-रात भर फसलों की रखवाली कर रहे हैं।

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शनिवार को भड़रिया गांव के किसान बेसहारा पशुओं को अपने खेत से हांकते हुए दूर तक छोड़ आते हैं। दूसरे तरफ के किसान उन्हें दोबारा उसी तरफ मोड़ देते हैं। यह महज एक दिन की बात नहीं है, क्रम लगातार चलता रहता है। बेसहारा पशुओं का झुंड दिन में तो भड़रिया पुलिस सहायता केंद्र के आसपास जमा रहता है। दिन डूबते ही खेतों की ओर रुख करता है। भड़रिया, बिथरीया, बनगवा नानकार, खानतारा, श्यामपुर, भानपुररानी आदि गांव की फसल इनके चलते बर्बाद हो रही है। गोशालाएं भी बनी हैं, लेकिन कोई व्यवस्था न होने के कारण गोवंश यहां से भाग खड़े होते हैं। तहसीलदार राजेश प्रताप सिंह ने कहा कि व्यवस्था बनाई जा रही है। बाहर घूमने वाले बेसहारा पशुओं को गोशाला में पहुंचाया जाएगा।


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