समितियों पर यूरिया उपलब्ध नहीं
तहसील क्षेत्र में यूरिया खाद की मारामारी चल रही है। साधन सहकारी समितियों से खाद नदारद है और किसान प्राइवेट दुकानों से अधिक मूल्य पर यूरिया खाद खरीदने को मजबूर हैं।
सिद्धार्थनगर: तहसील क्षेत्र में यूरिया खाद की मारामारी चल रही है। साधन सहकारी समितियों से खाद नदारद है और किसान प्राइवेट दुकानों से अधिक मूल्य पर यूरिया खाद खरीदने को मजबूर हैं।
निजी संसाधनों के सहारे गेहूं की ¨सचाई कर चुके किसानों की कमर यूरिया का बढ़ा मूल्य तोड़ रहा है। साधन सहकारी समितियों पर सिर्फ डाई खाद मौजूद है। यूरिया के लिए किसान प्राइवेट दुकानदारों के भरोसे हैं जहां किल्लत को देखते हुए हर रोज दाम बढ़ रहे हैं। बिजौरा, जूड़ीकुइयां, मस्जिदिया, गनवरिया, संग्रामपुर, सिकौथा आदि समितियों पर यूरिया नहीं है। किसी किसी समिति पर सिर्फ डाई खाद की उपलब्धता है तो अन्य पर कोई खाद नहीं है। क्षेत्र के परसोत्तम, नीबर, लाल बहादुर, अब्दुल अलीम, गुलाम हुसैन, चंद्रिका, बिपत, मेट, समीरूल्लाह सहित अन्य का कहना है कि जरूरत के वक्त न तो किसानों को नहर का पानी मिलता है और न खाद बीज। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता से यह सुविधाएं तब मिलती हैं जब जरूरत समाप्त हो जाती है। मौजूदा समय में समितियों पर यूरिया न होने के चलते किसानों को प्राइवेट दुकानदारों से मंहगे मूल्य पर यूरिया की खरीदारी करनी पड़ रही है। एडीओ कृषि योगेंद्र पांडेय ने कहा कि यूरिया खाद अधिक मूल्य पर बेचे जाने की शिकायत मिली है। उच्चाधिकारियों को इससे अवगत करा दिया गया है।