बढ़ सकता है टिड्डी दल के आक्रमण का खतरा
देश के विभिन्न शहरों में टिड्डी दल का आक्रमण सुर्खियों में है। अपने जनपद में भी इसका खतरा मंडराने लगा है। कृषि वैज्ञानिकों ने आशंका प्रकट करते हुए किसानों से सतर्कता बरतने संबंधित सलाह दी
सिद्धार्थनगर : देश के विभिन्न शहरों में टिड्डी दल का आक्रमण सुर्खियों में है। अपने जनपद में भी इसका खतरा मंडराने लगा है। कृषि वैज्ञानिकों ने आशंका प्रकट करते हुए किसानों से सतर्कता बरतने संबंधित सलाह दी है।
कृषि वैज्ञानिक केंद्र सोहना के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. एल सी वर्मा ने कहा कि टिड्डी दल में लाखों की संख्या में लगभग दो-ढाई इंच लंबे कीट होते हैं, जो फसलों को कुछ ही घंटों में चट कर जाते हैं। यह दल सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं। उन्होंने कहा इससे बचाव के लिए अपने खेतों में धुआं करके, थाली, ढोल नगाड़े आदि बजाकर, आवाज के जरिये खेत में बैठने से रोक सकते हैं। फसलों को नुकसान से बचाया जा सकता है। कीटनाशक रसायनों जैसे क्लोरपीरिफॉस, लिडा इत्यादि कीटनाशकों का टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव कर इससे बचाव करें। शाम को 6 से 9 बजे के आसपास टिड्डी दल जमीन पर बैठ जाता है और सुबह 8:00 बजे के करीब उड़ान भरता है। इसी अवधि में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके उसे मारा जा सकता है।