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गेहूं क्रय केंद्र पर कम भुगतान मिलने पर बिफरे किसान

सीडीओ पुलकित गर्ग ने बुधवार को आंबेडकर सभागार में किसान दिवस की अध्यक्षता की। गेहूं क्रय केंद्र पर समर्थन मूल्य से कम भुगतान करने का आरोप लगाया। इस मुद्दे पर विपणन विभाग के अधिकारी से झड़प हुई। मामले की जांच करा कार्रवाई करने की मांग की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 12:06 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 12:06 AM (IST)
गेहूं क्रय केंद्र पर कम भुगतान मिलने पर बिफरे किसान
गेहूं क्रय केंद्र पर कम भुगतान मिलने पर बिफरे किसान

सिद्धार्थनगर : सीडीओ पुलकित गर्ग ने बुधवार को आंबेडकर सभागार में किसान दिवस की अध्यक्षता की। गेहूं क्रय केंद्र पर समर्थन मूल्य से कम भुगतान करने का आरोप लगाया। इस मुद्दे पर विपणन विभाग के अधिकारी से झड़प हुई। मामले की जांच करा कार्रवाई करने की मांग की।

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भाकियू के पदाधिकारी प्रदीप पांडेय ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया था। खेसरहा ब्लाक के महुलानी क्रय केंद्र पर गेहूं की सप्लाई की थी। जहां समर्थन मूल्य के सापेक्ष 1850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया गया। किसानों को रसीद भी नहीं दी गई। इस संबंध में जिलाधिकारी के वाट्सएप पर रिकार्डिंग भेजी गई है। मामले की जांच कराने के बाद कार्रवाई की जाए। किसानों ने मांग की सभी साधन सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध कराया जाए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ पात्रों को नहीं मिल रहा है। बेसहारा पशुओं को गोआश्रय केंद्र में नहीं रखा जा रहा है, जिससे वह फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कोटे की दुकान पर घटतौली के मामलों की जांच कर कार्रवाई की जाए। उपनिदेशक कृषि लाल बहादुर यादव, जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह, डिप्टी आरएमओ राजू पटेल, डीएसओ बृजेश कुमार मिश्रा आदि मौजूद रहे। पाठशाला के माध्यम से किसानों को दिया प्रशिक्षण सिद्धार्थनगर : विकास खंड के बीज भण्डार प्रतापपुर में पाठशाला के माध्यम से कृषकों को नगदी खेती का प्रशिक्षण दिया गया। कृषि प्राविधिक सहायक अरुण कुमार पटेल ने कहा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना समृद्धशाली बने अन्नदाता इसके लिए सरकार विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है। जिसके तहत आधुनिक तकनीक से खेती करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

उन्होंने पाठशाला के माध्यम से किसान को उपज से आय दो गुनी कैसे करें इसका गुर भी बताया। प्राविधिक सहायक ने किसानों को खरीफ फसल प्रबंधन, कृषि विविधीकरण, पराली प्रबंधन, कृषकों के आय वृद्धि के उपाय, कृषक उत्पादक संगठन, जैविक खेती फसल चक्र, विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कृषकों को देय सुविधाएं और मूल्य संबर्धन, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान वीर बहादुर सिंह, महेश चंद्र , श्याम बहादुर, अर्जुन, छोटई, मुरली, विनय सिंह, राधेश्याम आदि उपस्थित रहे।


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